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बीजिंग/शिव कुमार यादव/- लाई चिंग-ते ने सोमवार को ताइवान के नए राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला। अपने शपथ समारोह में उन्होंने कहा था कि चीन को युद्ध की धमकी छोड़ देनी चाहिए। लाई के कार्यभार संभालने पर चीन ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। लाई को बधाई देने के लिए चीन ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की निंदा की। चीन ने ताईपे का समर्थन करने वाले एक अमेरिकी कांग्रेसी और अमेरिका के रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाया।
चीन ने ताइवान के आसपास एक साल में अपना सबसे व्यापक सैन्य अभ्यास आयोजित किया। चीन ने गुरुवार सुबह 7ः45 बजे (स्थानीय समय) से सैन्य अभ्यास की शुरुआत की। चीन के इस अभ्यास का मकसद आजाद ताइवान की मांग कर रहे अलगाववादी लोगों को सजा देना और बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप को चेतावनी देना है।
बाहरी ताकतों का मतलब अमेरिका से है। बता दें कि अमेरिका ताइवान का मुख्य सैन्य समर्थक है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन लगातार कह रहे हैं कि अगला हमला हुआ तो अमेरिका 23 मिलियन लोगों की रक्षा करेगा। वहीं चीन का मकसद ताइवान को अपने नियंत्रण में लेना है।
ताइवान सरकार की बढ़ी मुश्किलें
चीनी सैन्य अभ्यास के कारण हाल ही में ताइवान में बनी नई सरकार के लिए परेशानी और बढ़ गई है। विपक्षी सांसद कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। इस बदलाव का उद्देश्य नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की शक्तियों पर लगाम लगाना है। कानून में बदलाव की मांग के बीच मंगलवार रात हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। शुक्रवार को कानून में बदलाव पर आगे की कार्यवाही हो सकती है, ऐसे में प्रदर्शन दोबारा शुरू होने की आशंका है।
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ताइवान जलडमरूमध्य, ताइवान द्वीप के उत्तर, दक्षिण और पूर्व में और किन मेन, मात्सु, वुकिउ और डोंगयिन द्वीपों के आसपास के क्षेत्रों में अभ्यास कर रही है। ताइवान के रक्षा मंत्री ने कहा कि वह सैन्य अभ्यास पर नजर बनाए हुए हैं।
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