चंडीगढ़/शिव कुमार यादव/- हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के 3 विधायकों द्वारा हरियाणा सरकार से समर्थन वापिस लेने की घोषणा के बाद से हरियाणा में राजनीति गर्माई हुई हैं। अब निर्दलिय विधायकों के बाद जेजेपी ने भी अपने समर्थन वापिस लेने की घोषणा कर दी है। दुष्यंत चौटाला ने भी व्हिप जारी कर सभी विधायकों को चेतावनी जारी कर दी है। लेकिन जेजेपी में भी महाराष्ट्र जैसे हालात बन गए है और जेजेपी के 10 में से 6 विधायक पार्टी से नाराज चल रहे हैं जिसे देखते हुए इस समय हालात यह है कि जेजेपी में भी शिवसेना जैसा खेला हो सकता है। क्योंकि बागी विधायक अपना नेता बदलने की तैयारी कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में तो यह भी चर्चा जोर पकड़ रही है कि दुष्यंत चौटाला का दांव उन्हे ही उल्टा पड़ गया है।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा में जेजेपी के कुल 10 विधायक है जिनमें से 6 पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इन 6 नाराज विधायकों में से 4 बीजेपी के तो दो कांग्रेस के संपर्क में है। ये 6 के 6 विधायक दुष्यंत चौटाला की कार्यशैली से नाराज चल रहे हैं। ये बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को पार्टी का विधायक दल का नेता बदलने के लिए लिखित में दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो हरियाणा में जननायक जनता पार्टी का वही हाल हो सकता है, जो महाराष्ट्र में बाल ठाकरे की शिवसेना का हुआ था।
इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर बताए जा रहे है। बीजेपी सरकार को बचाने के लिए वो लगातार जेजेपी के विधायकों के संपर्क में है। मनोहर लाल खुद कह चुके हैं कि जेजेपी और कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में है। जब तीन निर्दलीय विधायकों रणधीर गोलन, धर्मवीर गोंदर और सोमवीर सांगवान ने बीजेपी से अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को देने की घोषणा की थी तो मनोहर लाल खट्टर एक्टिव हो गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार को बचाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी।
मनोहर लाल ने की थी जेजेपी के 3 विधायकों से मुलाकात
विपक्ष की ओर से बीजेपी सरकार को गिराने के लिए की जा रही फ्लोर टेस्ट की मांग के बीच जेजेपी के तीन विधायकों देवेंद्र बबली, जोगी राम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने गुरुवार को पानीपत में पू्र्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सहकारिता मंत्री महीपाल ढांडा के आवास पर हुई थी। विधायक जोगी राम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा पहले से खुलकर बीजेपी के साथ हैं। वहीं, देवेंद्र बबली को मनोहर लाल के करीब बताया जाता है। बताया जा रहा है कि इन मुलाकात के दौरान हरियाणा के वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। चर्चा यह भी है कि देवेंद्र बबली इस कोशिश में हैं कि जेजेपी के 10 में से छह असंतुष्ट विधायकों को अपने पाले में करके दुष्यंत चौटाला को नेता पद से हटा दिया जाए। लेकिन, इस कार्य के लिए बबली को एक और विधायक की जरूरत पड़ेगी। जेजेपी में असंतुष्टों के अलावा चार विधायक खुद दुष्यंत चौटाला, उनकी माता नैना चौटाला, पूर्व राज्य मंत्री अनूप धानक और अमरजीत ढांडा बचे हैं। बबली की कोशिश है कि किसी तरह अमरजीत ढांडा और अनूप धानक को अपने पाले में लाया जाए।
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