भावना शर्मा/- एमपी की राजधानी भोपाल से बड़ा ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है, दरअसल भोपाल के एक बालिका गृह में रह रही अलग-अलग राज्यों की 26 लड़कियां लापता हो गईं है। और वो इस वक्त कहां इस बात की जानकारी किसी के पास नहीं है। शुरुआती जांच में पता चला है कि बालिका गृह का संचालन अवैध तरीके से हो रहा था।
इस खबर को चारो ओर आग की तरह फैलते देर न लगी जिसके बाद इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी एक्स किया है। उन्होंने लिखा कि भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने व त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।
आखिर क्या है मामला?
दरअसल पूरा मामला यह है कि भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र से संचालित आंचल मिशनरी संस्था के बालिका गृह के निरीक्षण में 68 में से 26 लड़कियां लापता मिली है। इनमें से ज्यादातर लड़कियां अलग-अलग राज्य की थी। इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखा है। साथ ही सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। मामले को लेकर परवलिया थाना ने एफआईआर भी दर्ज की है। इस पूरे मामले को लेकर शुक्रवार को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बालिका गृह का निरीक्षण भी किया था। जिसमें सामने आया था कि बालिक गृह बिना मान्यता और रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था। अनाथ बच्चों को बिना सरकार की अनुमति के रखा जा रहा था। ऐसे में आंचल मिशनरी संस्था में बालिकाओं का मतांतरण करने का शक गहरा गया है। निरीक्षण के दौरान बालिका गृह में कई अव्यवस्थाएं भी मिली हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर लिखा था- मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष और सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया। यहां की संचालक एनजीओ हाल तक सरकारी एजेंसी की तरह चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही हैं। संचालक ने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जिन बच्चों को सड़कों से रेस्क्यू किया उन्होंने बिना सरकार को सूचना दिए और बिना लाइसेंस चलाए जा रहे बालिका गृह में गुपचुप ढंग से रखकर उनसे ईसाई धार्म की प्रैक्टिस करवाई जा रही है। यहां रह रहीं 6 साल से 18 साल तक की 40 से ज्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं। काफी कठिनाई के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दुर्भाग्य से मध्यप्रदेश के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसी ही एनजीओ से चाइल्ड हेल्पलाइन ठेके पर चलवाना चाहते हैं।
केस दर्ज कर मामले की जांच कर रहे
भोपाल ग्रामीण एसपी प्रमोद सिंह ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। रजिस्टर में दर्ज 26 बच्चियों के नहीं मिलने की जानकारी सामने आई है। मामले की जांच की जा रही है, उसके आधार पर धाराएं बढ़ाएंगे।
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