मानसी शर्मा / – पाकिस्तान में एक बार फिर आम चुनाव होने जा रहे है। फरवरी 2024 में चुनाव होंगे और इसके लिए आतंकी हाफिज सईद और उसकी पार्टी ने कमर कस ली है। उसने अपने हर विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीद्वार मैदान में उतारे है। जिसमें आतंकी हाफिज सईद का बेटा भी शामिल है। बता दें कि आतंकी हाफिज सईद 26/11मुंबई हमले के मास्टरमाइंड है। जो फिलहाल पाकिस्तान का पीएम बनने के सपने बुन रहा है।
आतंकी हाफिज सईद पीएम बनने के देख रहा सपने
पाकिस्तान में मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद को पीएम बनाने की तैयारी की जा रही है। हाफिज के गुर्गों ने नई राजनीतिक पार्टी बनाई है। इसका नाम है पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग यानी पीएमएमएल। इसके पोस्टर और बैनर पिछले नौ महीने से कराची में लगे हुए हैं। इसकी शुरुआत महंगाई के विरोध में हुई थी, लेकिन अब यह पाकिस्तानी राजनीति में नया दावेदार बनता जा रहा है। वहीं एक वीडियो संदेश में PMML के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने कहा, उनकी पार्टी अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा, हम भ्रष्टाचार के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करने और पाकिस्तान को एक इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं।
कश्मीर का फिर पाकिस्तान में उठा मुद्दा
दरअसल पाकिस्तान में फिर से कश्मीर के एजेंडे को जिंदा करने की कोशिश की जा रही है। पाकिस्तान का मतलब क्या… कश्मीर बनेगा पाकिस्तान… कश्मीरियों से रिश्ता क्या? ला इलाहा इ लल्लाह…? के नारे गूंज रहे हैं। लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद के जेल जाते ही ये नारे बंद हुए थे, लेकिन अब हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद इन नारों को जिंदा करने की कोशिश में जुटा है।
26/11आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हैं सईद
बता दें कि मुंबई में 26/11आतंकी हमले का हाफिज मोहम्मद सईद मास्टरमाइंड है। इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166लोग मारे गए थे। अमेरिका ने भी उसके संगठन को आतंकी घोषित कर रखा है। यूएस ने उस पर 1करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। फिलहाल, लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज मोहम्मद सईद प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (JuD) के कुछ अन्य नेताओं के साथ 2019से जेल में है। उसे आतंकी फंडिंग मामलों में दोषी ठहराया गया है।
इतना ही नहीं हाफिज से जुड़ा संगठन पाकिस्तान के लोगों को गुमराह करने के लिए राजनीतिक एजेंडा भी लेकर आया है. उनकी पार्टी चुनाव में इस्लामिक स्टेट का सपना दिखा रही है. हालांकि उनकी बातों और दावों पर कितने लोग भरोसा करते हैं ये चुनाव नतीजों के बाद साफ हो जाएगा. लेकिन, पाकिस्तान में बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा रोजगार चाहते हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) 2018 के चुनाव में जेयूडी का राजनीतिक चेहरा थी। इसने अधिकांश सीटों पर, विशेषकर पंजाब प्रांत में, अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट जीतने में असफल रही। 2024 के चुनावों में एमएमएल पर प्रतिबंध के कारण पीएमएमएल का गठन किया गया है।
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