नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/शिव कुमार यादव/- देश के शीर्ष पहलवान अंतिम पंघाल व विशाल कालीरमन ने एशियाई खेलों में विनेश और बजरंग को सीधे प्रवेश देने के फैसलें पर अपना विराध दर्ज करते हुए कहा कि हम कड़ी मेहनत कर रहे थे और वो विरोध प्रदर्शन में व्यस्त थे फिर भी उन्हे एशियन गेम्स में ट्रायल-फ्री एंट्री से नवाजा गया जो पूरी तरह से अनुचित हैं। हम इसका पूरी तरह से विरोध करते है और हम तदर्थ पैनल के अधिकारियों से बात करेंगे, अगर वे निष्पक्ष खेल से सहमत नहीं हैं, तो हम अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं या धरना दे सकते हैं।“
बता दें कि अंतिम विश्व अंडर-20 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली पहलवान हैं, जो उनकी श्रेणी में उनकी अनुकरणीय प्रतिभा को दर्शाता है। उच्च न्यायालय का फैसला न केवल अंतिम बल्कि भारत में कुश्ती के पूरे खेल को प्रभावित करेगा, क्योंकि यह भविष्य की चयन प्रक्रिया के लिए एक मिसाल कायम करेगा।
अंतिम ने एक वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, ’’विनेश (फोगाट) को पिछले एक साल से अभ्यास नहीं करने के बावजूद एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया है। मैंने 2022 जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। यहां तक कि कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल में भी मेरी उनसे 3-3 से बाउट हुई थी। फिर भी मेरे साथ धोखा हुआ। मैंने इसे जाने दिया और सोचा कि मैं एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा करूंगी, लेकिन अब वे कहते हैं कि विनेश को टूर्नामेंट के लिए चुना गया है। क्या यह सही तरीका है?”

“वे कह रहे हैं कि जो एशियाई खेलों में जाएगा वह विश्व चैम्पियनशिप के लिए जाएगा, और जो विश्व चैम्पियनशिप जीतेगा वह ओलंपिक के लिए जाएगा। हम इतने सालों से कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’ उस के बारे में क्या? क्या मुझे कुश्ती छोड़ देनी चाहिए? किस आधार पर उसे बिना सुनवाई के भेजा जा रहा है? साक्षी मलिक का भी नहीं हुआ चयन? विनेश में ऐसी क्या खास बात है कि उनका चयन हुआ? मैं बस एक निष्पक्ष सुनवाई चाहता हूं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि केवल मैं ही उसे हरा सकती हूं, कई महिला पहलवान ऐसा कर सकती हैं। वे टूर्नामेंट के लिए जा रहे हैं, लेकिन मुझे बताएं कि क्या वे भविष्य में पदक जीत सकते हैं?” उसने जोड़ा।
प्रेस को दिये अपने बयान में अंतिम ने उल्लेख किया कि उसके परिवार ने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत त्याग किया है कि वह अच्छी तरह से अभ्यास कर सके। उनके माता-पिता उनकी प्रैक्टिस सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ हिसार में रह रहे हैं। वह ओलंपिक की तैयारी के लिए चार साल से कड़ी मेहनत कर रही हैं। वह वीडियो में रोते हुए बोलीं, ’’मैं हाथ जोड़कर विनती कर रही हूं कि हमारे साथ ऐसा मत कीजिए.’’

विशाल कालीरमन ने ’ट्रायल फ्री एंट्री’ पर सवाल उठाए
पहलवान विशाल कालीरमन भी फैसले के विरोध में आगे आये। प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, ’’मैं भी 65 किग्रा से कम वर्ग में खेलता हूं और एशियाई खेलों के लिए बजरंग पुनिया को बिना किसी ट्रायल के सीधे प्रवेश दिया गया है। वे एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि हम अभ्यास कर रहे हैं। हम मुकदमे की अपील करते हैं… हम कोई एहसान या लाभ नहीं चाहते। कम से कम ट्रायल तो होना ही चाहिए। अन्यथा, हम अदालत जाने के लिए तैयार हैं… हम अदालत के समक्ष अपील करेंगे। हम 15 साल से अभ्यास कर रहे हैं…अगर बजरंग पुनिया इनकार करते हैं कि वह एशियाई खेलों में नहीं खेलेंगे, तभी किसी और को मौका मिलेगा।’
आईओए तदर्थ समिति ने एशियाई खेलों के कुश्ती ट्रायल की तारीखों की घोषणा की
हाल ही में, आईओए एड-होम कमेटी ने कुश्ती के लिए ट्रायल की तारीखों की घोषणा की। पुरुषों के ग्रीको-रोमन और महिलाओं के ट्रायल के लिए 22 जुलाई को ट्रायल की योजना बनाई गई है। 23 जुलाई को फ्रीस्टाइल टीम के लिए ट्रायल होंगे। समिति 18 ओलंपिक भार वर्गों में ट्रायल आयोजित करेगी।

विशेष रूप से, आईओए द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि उन्होंने पहले ही पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा श्रेणियों के लिए पहलवानों को चुन लिया है। हालाँकि, कुश्ती की तीन शैलियों में शेष छह भार वर्ग निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे। सर्कुलर में विनेश और बजरंग के नाम का जिक्र नहीं था, लेकिन पीटीआई से बात करते हुए तदर्थ पैनल के सदस्य अशोक गर्ग ने पुष्टि की कि दोनों पहलवानों को ट्रायल से छूट दी गई है।
पिछले साल के विरोध के कारण दोनों पहलवान अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों से दूर रहे। इसके अलावा, विनेश हाल के दिनों में कोई भी पदक हासिल करने में विफल रही और यह स्पष्ट नहीं है कि किस आधार पर उसे बिना ट्रायल के एशियाई खेलों में जाने की अनुमति दी गई। विनेश और बजरंग दोनों डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से शामिल थे।


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