नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भावना शर्मा/- दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में लंबे समय से एक ही जगह जमें 68 जूनियर इंजीनियरों के विभागों में फेरबदल किया गया है ताकि भ्रष्टाचार पर नकेल कसने में मदद मिल सके। बीते 31 मार्च को एमसीडी द्वारा इस बाबत आदेश जारी किया गया। हालांकि निगम में चर्चा यह है कि एमसीडी में नई सत्ता आने के बाद उपरोक्त इंजीनियरों का यह तबादला किया गया है।
गौरतलब है कि निगम के एकीकरण से पहले जब एमसीडी में भाजपा की सत्ता थी तो आम आदमी पार्टी (आप) के नेता व पार्षद भाजपा नेताओं पर पर आरोप लगा कर कहते थे कि भाजपा के कारण एमसीडी में ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़ा लेन-देन का खेल होता है और इस कारण गरीबों के घर टूटते हैं जबकि बड़ी मछलियों का कुछ भी नहीं होता है। अब आप पर यह भी भाजपा के नेता इसी तरह के आरोप लगा रह हैं। एमसीडी के एकीकरण से पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त रही वर्षा जोशी ने एक बार कहा था कि महत्वपूर्ण विभागों में बैठाने के लिए हमें बेदाग अफसरों की तलाश थी, लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि ईमानदार और बेदाग अफसरों की बहुत कमी है। ऐसे में बड़ी मुश्किल से महत्वपूर्ण पदों पर ईमानदार अफसरों की तैनाती हो पाई है।
बता दें कि एकीकरण से पहले तत्कालीन निगमायुक्त जोशी के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही के मामले में तकरीबन 40 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई थी, जिसे लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में जोरदार हंगामा भी हुआ था। उस समय निगम नेताओं ने एमसीडी आयुक्त पर पारदर्शी तरीका ना अपनाने का आरोप लगाया गया। जवाब में आयुक्त जोशी ने कहा कि पिछले कुछ समय से नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है। ऐसे में केवल कुछ प्रतिशत ही अधिकारी ऐसे हैं जिन पर कोई भी आरोप नहीं लगे हैं वरना अधिकतर अधिकारी दागी हैं।


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