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  • पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से आप व भाजपा गद्गद्, अब दिल्ली निगम चुनावों पर फोकस

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    पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से आप व भाजपा गद्गद्, अब दिल्ली निगम चुनावों पर फोकस

    -पंजाब में कामयाबी के बाद आप के हौंसले बुलंद, 4 राज्यों में सफलता के साथ भाजपा ने भी दिखाया दम

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से भाजपा व आप पार्टी गद्गद् दिखाई दे रही है। दोनो ही पार्टियों ने अब दिल्ली नगर निगम चुनावों पर फोकस कर लिया है। हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी निगम चुनावों में सरकार बनाने का दावा कर रही है और अब पंजाब चुनाव में क्लीन स्वीप के बाद तो आप के हौंसले काफी बुलंद हो गये हैं। वहीं भाजपा भी चार राज्यों में मिली सफलता को भुनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है और जमकर जश्न मना रही है। हालांकि तीनों निगमों को एक करने के निर्णय को लेकर चुनाव आयोग ने फिलहाल चुनावों की घोषणा का निर्णय टाल दिया है। जिसपर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर तंज भी कसा है।

    पंजाब, उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव परिणाम से आप व भाजपा दोनों ही पार्टी काफी उत्साहित नजर आ रही है और अब दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी दोनो ही पार्टियां अपनी सरकार बनाने को बेताब हैं लेकिन निगम चुनाव होंगे या नहीं यह अभी तय नहीं है। आम आदमी पार्टी जहां जल्द से जल्द दिल्ली में चुनाव करवाने के पक्ष में है, वहीं भाजपा फिलहाल विकल्प तलाश रही है। आपका मानना है कि यदि चुनाव अभी हुए तो पंजाब विधान सभा चुनाव के परिणाम का असर दिल्ली में देखने को मिलेगा जिसका उसे काफी फायदा होगा। इस चुनाव के दौरान दिल्ली सरकार ने जो काम दिल्ली में किया है उसका असर पंजाब में देखने को मिला। इससे पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 62 सीटें हासिल की थी और अब पंजाब में पार्टी कुछ इसी तरह का प्रदर्शन दौहराया है। पार्टी को उम्मीद है कि यदि अभी चुनाव होते हैं तो वे निगम में 272 सीटों में से 260 सीटों पर आसानी से उनका कब्जा हो जाएगा। वही दिल्ली राज्य चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव को लेकर लिए जा रहे कानूनी सलाह का इंतजार है। यदि नियम कहते हैं कि केंद्र इस चुनाव को रोक नहीं सकते तो हम इसी माह चुनाव की घोषणा भी कर देंगे।

    वहीं भाजपा भी चार राज्यों में सफलता के बाद काफी उत्साहित दिख रही है। लेकिन फिर भी भाजपा इस बार निगम में कोई रिस्क नही लेना चाह रही है और भाजपा का मानना है कि यदि तीनों निगमो को एक कर दिया जाये तो उसे फायदा हो जाएगा। जिसके लिए भाजपा लामबंद हो रही है। भाजपा तीनों निगमों को एक करने पर तर्क दे रही है कि निगम इस समय आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। कर्मचारियों का वेतन भी समय पर नहीं मिल पाता ऐसे में यदि निगम एक होता है तो सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन दे पाएंगे। साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलेगी जिसका फायदा विकास कार्यों पर मिलेगा। ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता फिलहाल चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुभाष आर्य का कहना है कि दिल्ली सरकार निगम का फंड रोक रही है, यदि वह फंड देती तो सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने सहित अन्य विकास कार्यों को करवाया जा सकता था। लेकिन आम आदमी पार्टी नही चाहती कि कर्मचारियों का भला हों।

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