नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 वर्षीय युवक के खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले को पीड़ित से समझौते के आधार पर रद्द कर दिया। अदालत ने कहा आरोपी के समक्ष पूरी जिंदगी है लेकिन छोटी सी बात पर गुस्से में आकर जिस प्रकार उसने वारदात को अंजाम दिया है उसके गुस्से पर नियंत्रण लगाना व उसे सबक सिखाना जरूरी है। अदालत ने आरोपी को एक माह तक गुरुद्वारा बंगला साहिब में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश देते हुए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना अलग से कर दिया।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने अपने फैसले में आरोपी मौहम्मद उमर के उस तर्क को स्वीकार कर लिया कि उससे गलती हुई और उसके भविष्य को देखते हुए माफ कर दिया जाए। उसने मित्रों व रिश्तेदारों से मिलकर समझौता कर लिया है। अदालत ने कहा आरोपी की आयु मात्र 21 वर्ष है और उसने अपनी गलती मानकर पीड़ित से समझौता कर लिया है। दोनों पड़ोसी हैं और आरोपी के समक्ष पूरी जिंदगी है और उसका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। अदालत ने कहा कि आरोपी ने मात्र गुस्से में आकर इस वारदात को अंजाम दिया है। ऐसे में उसके गुस्से पर नियंत्रण करने व सबक सीखने के एक माह यानि 16 मार्च से 16 अप्रैल तक बंगला साहिब गुरुद्वारे में सामुदायिक सेेेवा करने का निर्देश दिया जाता है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि गुरुद्वारा कमेटी एक माह की सेवा के बाद उसे प्रमाणपत्र जारी करेगी। यदि आरोपी ने सेवा नहीं की तो वह तुरंत क्षेत्रीय थानाध्यक्ष को रिपोर्ट देंगे व दर्ज प्राथमिकी रद्द करने संबंधी फैसले पर अमल नहीं होगा। इतना ही नहीं अदालत ने उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी कर दिया। अदालत ने उसे हाईकोर्ट अधिवक्ता कल्याण कोष, निर्मल छाया फाउंडेशन, दिल्ली पुलिस कल्याण कोष एवं आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टी को 25-25 हजार रुपये देने का निर्देश दिया है।
मामले के अनुसार चांदनी महल निवासी शिकायतकर्ता ने कहा कि वह 26 मार्च को अपने दोस्त के घर कुछ सामान देने गया था। वहां आरोपी अपनी मां से झगड़ रहा था, उसने झगड़ा शांत कराने की कोशिश की तो अभियुक्त गाली गलौज करने लगा और उसे थप्पड़ मार दिया। लोगों के एकत्रित होने पर वह धमकी देकर चला गया और दोपहर को उसने सब्जी काटने वाले चाकू से उस पर हमला कर दिया। इसके बाद पड़ोसी और हितैषियों के हस्तक्षेप से दोनों के बीच 26 अक्टूबर, 2020 को समझौता हो गया। अभियुक्त को 27 अप्रैल, 2020 को जमानत मिली थी।
-हत्या के आरोप के तहत दर्ज मामले में पीड़ित से समझौते के बाद सुनाई सजा, मामला खत्म
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