25 फरवरी से 5 मार्च तक प्रगति मैदान में चलेगा विश्व पुस्तक मेला

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December 23, 2024

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25 फरवरी से 5 मार्च तक प्रगति मैदान में चलेगा विश्व पुस्तक मेला

-साहित्य महाकुंभ में होंगे तीन विशेष पवेलियन, देश और विदेश के 1000 से ज्यादा प्रकाशक होंगे शामिल

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- कोरोना के बाद इस बार आयोजित होने जा रहा विश्व पुस्तक मेला कई मायनों में खास होगा। प्रगति मैदान में नये पवेलियन के बीच न केवल मेले का दायरा बड़ा होगा बल्कि प्रकाशकों और स्टालों की संख्या भी ज्यादा होगी। इसके साथ ही मेंले में 3 विशेष पवेलियन भी होंगे। मेले में बच्चों, दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा।
                  राष्ट्रीय पुस्तक न्यास का तीसरा विश्व पुस्तक मेला 25 फरवरी से 5 मार्च के दौरान प्रगति मैदान के नवनिर्मित हाल संख्या 2 3 4 और 5 में आयोजित होगा। 9 दिवसीय इस साहित्य महाकुंभ की थीम आजादी का अमृत महोत्सव होगी। एक पवेलियन जी-20, दूसरा आजादी के अमृत महोत्सव और तीसरा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर होगा। इस वर्ष मेले में देश-विदेश के 1000 से ज्यादा प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं हालांकि स्टालों की संख्या अट्ठारह सौ से भी ज्यादा होगी क्योंकि बहुत सारे प्रकाशको ने एक से ज्यादा स्टॉल बुक करा रखी हैं। 40 अन्य देशों के प्रकाशक भी मेले में हिस्सा लेंगे, उनकी स्वीकृति मिल चुकी है हालांकि पाकिस्तान की अनुपस्थिति इस वर्ष भी खलेगी।

                 इस बार मेले का अतिथि देश फ्रांस है, इसमें वहां के प्रकाशकों के साथ 50 से अधिक लेखक, साहित्यकार और साहित्य प्रेमी भी शिरकत करेंगे। मेले में आजादी के गुमनाम नायकों पर समर्पित पुस्तको की श्रृंखला मिलेगी तथा विभिन्न भाषाओं में देश-विदेश के साहित्य से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। इसके अलावा मेले में चिल्ड्रन कार्नर, आधार कार्नर, युवा कार्नर, बाल मंडप व लेखक मंच तो होंगे ही साथ ही सांस्कृतिक और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इस बार एंफीथियेटर में एक नई चीज यह होगी कि मेले में पहुंचने वालों को देश के विभिन्न राज्यों की कला संस्कृति से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। यहां रोज अलग-अलग राज्य के कलाकार, वहां की लोक कला का प्रदर्शन करेंगे। हालांकि मेले का उद्घाटन कौन करेगा यह अभी तय नहीं हो पाया है लेकिन इसके जल्द तय हो जाने की संभावना है। गौरतलब है कि कोरोना के कारण 2 वर्षों से यह आयोजन नहीं हुआ था।

इस बार विश्व पुस्तक मेला क्योंकि 2 वर्ष बाद आयोजित होने जा रहा है इसलिए सभी में उत्साह है। प्रकाशक नई-नई पुस्तके ला रहे हैं। ऐसे में हमारा प्रयास भी यहां इतना कुछ प्रस्तुत कर देने का है कि मेले में आने वाले हर आयु वर्ग के पाठक यादें सजां कर जाएं। – गोविंद प्रसाद शर्मा अध्यक्ष एनबीटी

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