किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाब से 15 हजार किसानों ने किया दिल्ली कूच

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
January 14, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाब से 15 हजार किसानों ने किया दिल्ली कूच

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली की अधिकतर सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन को खत्म कराने को लेकर सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं है। सरकार के वार्ता के नए प्रस्ताव पर किसान संगठन आज फैसला ले सकते हैं। किसान संगठनों ने शुक्रवार को भी इस पर विचार किया था। सरकार को उम्मीद है कि दो-तीन दिनों में किसानों के साथ बातचीत शुरू हो सकती है। किसानों के आंदोलन आज 32वां दिन है। वहीं किसान आंदोलन के समर्थन में रोजाना अनेकों लोग व संस्थाऐं आगे आ रही है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब से 15 हजार किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। जिसे देखते हुए लगता है कि दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ रहे किसान आंदोलन से केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है।
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर एक माह से चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए शनिवार को 15 हजार किसानों का काफिला पंजाब के संगरूर के खनौरी बॉर्डर से रवाना हुआ। 27 दिसंबर को डबवाली बॉर्डर से 15 हजार किसान दिल्ली में प्रवेश करेंगे।

किसानों के समर्थन में उतरा राजस्थान शिक्षक संघ
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ भी शामिल हो चुका है। संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया कि हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं। इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा।

गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ रही किसानों की संख्या
गाजीपुर बॉर्डर पर आज सुबह पंजाब से 2000 किसान पहुंचे हैं। यहां अब कुल किसानों की संख्या करीब 15 हजार हो गई है। दिल्ली यातायात पुलिस ने जानकारी दी है कि दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले एनएच-9 और एनएच-24 को किसानों ने ब्लॉक कर दिया है। गाजियाबाद जाने वाले यात्रियों को डीएनडी, आईटीओ और वजीराबाद के रास्तों का प्रयोग करने की सलाह दी गई है।

किसान लगातार कर रहे नारेबाजी
दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले यूपी गेट पर बने लिंक रोड को भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया है। किसान लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। किसानों के रास्ता बंद करने से ट्रैफिक का संचालन यूपी गेट पर पूरी तरह रुक गया है। यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सभी तरफ से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी है। अब किसान केवल एम्बुलेंस को ही आने-जाने की इजाजत दे रहे हैं।

कानून निरस्त होते ही लौट जाएंगे घर- किसान
बुराड़ी स्थित समागम मैदान में प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा कि आज किसानों का विरोध शुरू हुए एक महीना पूरा हो गया है। सरकार को तीनों कानूनों को निरस्त कर देना चाहिए। जैसे ही कानून वापस लिए जाते हैं, हम अपने घरों को लौट जाएंगे।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की सभी लाइन बंद
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के 31वें दिन किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की सभी लाइनों को बंद कर दिया है। युवा किसान सड़क पर बैठकर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। सरकार से कानूनों को वापस लेने के मांग उठ रही है।

हरियाणा-राजस्थान सीमा के खेड़ा बॉर्डर से लेकर गुरुग्राम तक जाम की स्थिति
किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-जयपुर हाईवे 48 पर हरियाणा-राजस्थान सीमा के खेड़ा बॉर्डर से लेकर गुरुग्राम तक जाम की स्थिति है। जाम से बचने के लिए डायवर्जन प्वाइंट की जानकारी होना जरूरी है।

गाजीपुर बॉर्डर पर भी टेंट सिटी तैयार
गाजीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरी टेंट सिटी तैयार की गई है।

जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यहीं बैठे रहेंगे- प्रदर्शनकारी
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यहीं बैठे रहेंगे। चाहें एक साल या उससे अधिक समय लग जाएं। कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे हुए हैं।

हम आतंकवादी नहीं किसान हैं- प्रदर्शनकारी
सिंघु बॉर्डर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मोदी सरकार से विनती है कि ये तीनों काले कानूनों को रद्द करें। जो लोग हमें आतंकवादी कह रहे हैं हम आतंकवादी नहीं हैं.. जब हम हिंदुओं के लिए लड़ते हैं तब हम फरिश्ते और जब हम अपने लिए लड़ रहें तो हमें आतंकवादी बोल दिया जाता है..हम आतंकवादी नहीं किसान हैं।

दोपहर 2 बजे होगी बैठक
सरकार के पत्र व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर आज 26 दिसबंर को दोपहर 2 बजे सयुंक्त किसान मोर्चा की मीटिंग उसी हॉल में (कजारिया टाइल्स, कुंडली, सिंघु बॉर्डर) आयोजित की जाएगी।

सरकार को उम्मीद अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है
वहीं, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है। प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं में से एक ने नाम उजागर नहीं करने की इच्छा के साथ कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की उनकी मांग बनी रहेगी।

केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं किसान
संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं। यूनियनों ने कहा कि आज उनकी एक और बैठक होगी जिसमें ठहरी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा।

शुक्रवार को कई किसान संगठनों ने चर्चा की लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ
किसान नेता ने कहा, सरकार के पत्र में कोई प्रस्ताव नहीं है। हमें लगता है कि सरकार हमारी मांगों को समझ नहीं पाई है। इसलिए संभव है कि हम नए सिरे से बातचीत शुरू कर सकते हैं ताकि सरकार अपनी मांगें ठीक से समझा दें। उन्होंने कहा, तीनों कानून रद्द करने की मांग से एमएसपी को अलग नहीं कर सकते। एक अन्य किसान नेता ने कहा, इन कानूनों में निजी मंडियों का जिक्र है। यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी फसलों को एमएसपी पर खरीदा जाएगा। शुक्रवार को कई किसान संगठनों ने चर्चा की लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा सका।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox