बीड/शिव कुमार यादव/- महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग अब हिंसक होने लगी है। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने बीड में दो विधायकों के घरों में आग लगा दी। इसके साथ ही शरद पवार गुट के एनसीपी के दफ्तर को भी जला दिया। मराठा आरक्षण आंदोलन इस साल अगस्त से ही चल रहा है। आरक्षण की मांग को लेकर 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं। बसों के नुकसान को देखते हुए 30 डिपो से संचालन बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए बीड जिले में धारा 144 लगा दी है।
प्रदर्शनकारियों ने बीड के माजलगांव में एनसीपी अजीत पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पथवराव किया। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने यहां दर्जनों बाइक और कार को भी फूंक दिया। वहीं, देर शाम बीड में ही एक और एनसीपी विधायक संदीप क्षीरसागर का घर भी जला दिया गया। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता पर एक विवादित बयान को लेकर प्रदर्शनकारी नाराज थें। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने एनसीपी विधायक का घर घेर लिया और पत्थरबाजी भी की। पुलिस के समझाने के बाद प्रदर्शनकारी विधायक के घर और दफ्तर से हटे। बीड के माजलगांव में मराठा प्रदर्शनकारियों ने नगर परिषद कार्यालय में भी आग लगा दी। प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है।
इधर, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे जालना के अंतरौली में 6 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। उन्होने मराठा समाज से अपील की है कि कोई भी मराठा आज रात और कल तक कोई भी आगजनी ना करे। मुझे लगता है कि कोई और इस आंदोलन का फायदा लेकर आग लगा रहा है।
वहीं, मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच शिवसेना के दो सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। रविवार 29 अक्टूबर को हिंगोली से सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया था। उनका रिजाइन सोशल मीडिया पर वायरल था। अब उन्होंने लोकसभा सचिवालय को भी इस्तीफा भेज दिया है। नासिक के सांसद हेमंत गोडसे ने भी इस्तीफा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भेज दिया है।
माजलगांव में प्रदर्शकारियों ने नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसमें काफी नुकसान की बात कही जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने जालना के बदनापुर तहसीलदार दफ्तर को जबरन ताला लगाया और महिला तहसीलदार को बाहर निकाला। यही नहीं, लैंड रिकॉर्ड्स, नगर पंचायत, पंचायत समिति कार्यालय में भी तालाबंदी कर दी।
सोलंके के घर पर क्यों हुआ हमला?
प्रकाश सोलंके के नाम से वायरल हो रही एक ऑडियो क्लिप को हमले के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस ऑडियो क्लिप में प्रकाश सोलंके कथित तौर पर मनोज जारांगे पर टिप्पणी करते सुनाई देते हैं। मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी।
उस वक्त महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे से मामला सुलझाने के लिए 30 दिन का समय मांगा था। जरांगे ने वादा किया था कि वह अगले 40 दिनों तक विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे।
लातूर में मेडिकल स्टूडेंट्स भी भूख हड़ताल पर बैठे
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लातूर में कई मेडिकल स्टूडेंट्स भी भूख हड़ताल पर बैठ गए। एक्टिविस्ट मनोज जरांगे की अपील पर रविवार 29 अक्टूबर को मराठा क्रांति मोर्चा के 6 कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे।
वहीं, सोमवार 30 अक्टूबर तक बीते 48 घंटे में महाराष्ट्र राज्य परिवहन की 13 बसों को नुकसान पहुंचाया गया है। इसे देखते हुए राज्य परिवहन निगम ने 250 में से 30 डिपो से ऑपरेशन बंद रखने का फैसला लिया है।
शिंदे बोले- 11 हजार पुराने दस्तावेजों में कुनबी का जिक्र
सोमवार 30 अक्टूबर को सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि 11 हजार 530 पुराने रिकॉर्ड्स में कुनबी जाति का जिक्र है। उन्होंने 31 अक्टूबर को नए सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। शिंदे ने ये बात तब कही, जब मराठा समुदाय कुनबी की तरह ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहा है।
शिंदे ने ये भी कहा कि मराठा आरक्षण मुद्दे 3 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जो राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण पर क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने को लेकर सलाह देगी। कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस संदीप शिंदे (रिटायर्ड) होंगे। शिंदे ने बताया कि मंगलवार 31 अक्टूबर को एक्टिविस्ट मनोज जरांगे से बात करेंगे। राज्य सरकार को कुछ वक्त की जरूरत है, उन्हें (जरांजे) भी हमें समय देना चाहिए।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 11 दिन में 13 सुसाइड, शिवसेना सांसद ने इस्तीफा दिया
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर रविवार (29 अक्टूबर) को एक अन्य युवक ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान बीड जिले के परली तालुका के रहने वाले गंगाभीषण रामराव के रूप में हुई है। राज्य में 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं। मराठा आरक्षण के समर्थन में हिंगोली के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इस्तीफा अभी लोकसभा अध्यक्ष तक नहीं पहुंचा है, लेकिन इस्तीफे का लेटर वायरल हो रहा है।
शिंदे बोले- हमें थोड़ा समय दें, जारंगे अपनी सेहत का ख्याल रखें
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे जालना के अंतरौली में 6 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। शिंदे ने कहा- मनोज जरांगे से मेरी अपील है कि वे हमें थोड़ा समय दें। सरकार को उनकी तबीयत की चिंता है। उनसे अपील है कि वो दवा-पानी लें। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा- यह मुद्दा काफी पुराना है। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री रहते मराठाओं को आरक्षण दिया था, लेकिन दुर्भाग्यवश सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। हमने कमेटी बनाई है। जल्द रिपोर्ट आएगी। हम मराठा आरक्षण के लिए दो तरीके से काम कर रहे हैं। पहला- कुनबी प्रमाणपत्र पत्र के द्वारा और दूसरा- सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन के जरिए। राजस्व मंत्री को जल्द ही कुनबी प्रमाणपत्र देने का निर्देश दिया गया है। सरकार सुप्रीम कोर्ट में यह साबित करेगी कि मराठा समाज पिछड़ा कैसे है।
More Stories
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन, जानिए उनके जीवन से जुड़ा एक अहम किस्सा
दिल्ली में पूर्वांचलियों के नाम काटने की बीजेपी की साजिश का आरोप, केजरीवाल ने उठाए सवाल
कुमाऊं विश्वविद्यालय में हाईटेक नकल, परीक्षा में ChatGPT से नकल करते पकड़ा गया छात्र
रामनगर पुलिस ने एंबुलेंस में नशे का कारोबार कर रहे दो तस्करों को 58 किलो गांजे के साथ किया गिरफ्तार
गुनीत मोंगा की फिल्म ‘अनुजा’ को ऑस्कर 2025 के लिए लाइव-एक्शन शॉर्ट फिल्म श्रेणी में शॉर्टलिस्ट किया गया
विश्व ध्यान दिवस पर आरजेएस ने प्रवासी माह में काकोरी के शहीदों को श्रद्धांजलि दी