हरियाणा/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- श्रुति पिछले तीन साल से अस्पताल परिसर स्थित हॉस्टल नंबर-4 में अपनी सहपाठी के साथ रह रही थी। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के मुताबिक श्रुति पिछले कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान लग रही थी। चंडीगढ़ के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) सेक्टर-32 के हॉस्टल में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा के पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हॉस्टल में रहने वाली सहपाठियों ने छात्रा को फंदे पर लटकता देख आनन-फानन में नीचे उतारकर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सोमवार रात करीब साढ़े दस बजे की है।
छात्रा की पहचान हॉस्टल नंबर-4 में रहने वाली डॉ. श्रुति त्यागी के रूप में हुई। हालांकि, छात्रा की मौत के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो सका है। सूचना मिलते ही सेक्टर-34 थाना पुलिस की टीम और डीएसपी मौके पर पहुंचे। छानबीन के दौरान पुलिस को हॉस्टल के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। सुसाइड नोट में छात्रा ने क्या लिखा है, इसका खुलासा करने से पुलिस बचती नजर आई। श्रुति पिछले तीन साल से अस्पताल परिसर स्थित हॉस्टल नंबर-4 में अपनी सहपाठी के साथ रह रही थी। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के मुताबिक श्रुति पिछले कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान लग रही थी। सोमवार रात को जब उसे फंदे पर लटकता देखा तो अन्य छात्राओं ने शोर मचा दिया। इसके बाद मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई।
हॉस्टल के कमरे से फंदे से उतारने के बाद छात्राएं श्रुति को लेकर इमरजेंसी की तरफ भागी लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने छात्रा के शव को मोर्चरी में रखवा दिया है। इसके बाद पुलिस सहित फिंगर एक्सपर्ट व सीन ऑफ क्राइम की टीम हॉस्टल में छात्र के कमरे में पहुंची और बारीकी से जांच के साथ सैंपल जुटाए। देर रात खबर लिखे जाने तक जांच टीमें छात्रा के कमरे में पड़ताल में जुटी थीं। वहीं, इस मामले को लेकर अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी व स्टाफ सहित हॉस्टल के चीफ वार्डन से बार-बार बात करने का प्रयास किया गया लेकिन कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं था। दूसरी ओर, छात्रा की आत्महत्या की खबर से पूरे परिसर में सन्नाटा छा गया।
पहले भी हो चुके हैं आत्महत्या के कई प्रयास
-19 जुलाई 2023 को पीजीआई में सीनियर डॉक्टर की प्रताड़ना से परेशान होकर हेप्टोलॉजी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर की ओर से आत्महत्या की कोशिश करने का मामला सामने आया था। घटना के बाद पीजीआई प्रशासन ने आनन-फानन में माता-पिता को बुलाकर रेजिडेंट डॉक्टर को गुपचुप तरीके से घर भेज दिया था।
– 04 अक्टूबर 2022 को हेमटोलॉजी विभाग के सीनियर रेजिडेंट (तीसरे सेमेस्टर) ने आधी रात को साड़ी से घर में फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश की थी। हालांकि, इस मामले में भी सीनियर द्वारा प्रताड़ित करने की चर्चाएं खूब चली थीं।
-अप्रैल 2021 में पीजीआई के पल्मोनरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट ने काम के दबाव और रेजिडेंट पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया था।
-6 अगस्त 2021 को पीजीआई के पल्मोनरी विभाग के ही एक सीनियर रेजिडेंट ने अपने सीनियरों पर मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए संस्थान से इस्तीफा दिया था।
-17 नवंबर 2021 को एक सीनियर रेजिडेंट ने पीजीआई में आत्महत्या का प्रयास किया था।
-2 सितंबर 2016 में न्यूक्लियर मेडिकल विभाग में तैनात रेजिडेंट डॉक्टर ने हॉस्टल में ही फांसी लगाकर जान दे दी थी।


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