नजफगढ़/नई दिल्ली/- नजफगढ़ के खेड़ा डाबर गांव में स्थित एशिया के सबसे बड़े आयुर्वेदिक संस्थान चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान में मंगलवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के चेयरपर्सन वैद्य जयंत देवपुजारी, विशिष्ट अतिथि
बीईआरआईएसएम के अध्यक्ष प्रो. वैद्य राकेश शर्मा तथा एमएआरबीआईएसएम व एनसीआईएसएम के अध्यक्ष डा. रघुराम भट्ठ ने उपस्थिति होकर यूजी व पीजी के 154 विद्यार्थियों को मानद उपाधि प्रदान की।
सीबीपीएसीएस की निदेशक प्रिसिपल विदुला गुज्जरवार, संस्थान के वरिष्ठ वैद्य श्री एन आर सिंह व संस्थान के एडीए डा. अशोक मदन सिंह ने सभी मेहमानों का बुके देकर स्वागत किया। इस दीक्षांत समारोह की सबसे बड़ी बात यह रही की संस्थान के बीएएमएस कोर्स में भी छात्राऐं छात्रों से आग रही। इसके लिए मुख्यअतिथि ने विशेष रूप से छात्राओं को बधाई दी।
मुख्य अतिथि ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब लोगों की जिंदगी आपके हाथ में है। आप का पहला कर्त्तव्य निस्वार्थ भाव से सभी को ईलाज सुलभ कराना है। अब आपको भावी चिकित्सक की बजाये जिम्मेदार वैद्य बनना होगा। आपका पूरा ध्यान आपके निदान पर होना चाहिए। साथ ही अच्छे परिणामों के लिए आपके अभ्यास में निरंतरता भी जरूरी है। हमें ध्यान रखना चाहिए की कल्प हमेशा समय के साथ बदलते रहते हैं लेकिन सिद्धांत हमेशा एक ही रहता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने अभ्यास को सूचिबद्ध करें ताकि आने वाली पीढ़ियां हमारे ज्ञान से लाभांवित हो सकें। नये युग में ईलाज के तरीके भी बदल रहे है। हम दूसरी पद्धतियों से सामज्स्य बैठाकर आयुर्वेद में सुधार कर रहे हैं। क्योंकि यही समय की जरूरत है। मैं आप सभी को यह नही कहूंगा की आप पैसा ना कमाये लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को भी ना भूलें। आपकी पहचान आपका काम होना चाहिए। उन्होने सभी भावी चिकित्सकों को जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा कि आज जिस सीट पर हम बैठे कल उसी सीट पर आप में से ही कोई बैठेगा। मेरी आप सभी को एक जिम्मेदारी भरे जीवन के लिए शुभ कामनाऐं हैं।
वहीं विशिष्ट अतिथि राकेश शर्मा ने भावी चिकित्सकों को ईलाज व अभ्यास के कुछ अनछुए पहलुओं से अवगत कराया। उन्होने बताया कि किस तरह सरकार आपके लिए नई-नई योजनाऐं ला रही है। लेकिन हम सरकार द्वारा लाई गई योजनाओं से कोई लाभ नही उठा रहे हैं। हमे सरकारी ऐप पर अपने आपकों रजिस्टर्ड करना चाहिए ताकि सरकार को पता लग सके की देश में कितने बीएएमएस चिकित्सक है। हम नौकरियों के लिए सिर्फ सरकार को कोसते है लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अपने को दूर रखने की कोशिश करते है। हमे भी अपने क्षेत्र में स्टार्टअप की जरूरत है और यह काम हमे करना चाहिए। उन्होने महिला चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा कि आपमें असीम उर्जा व ज्ञान है लेकिन आप चिकित्सक बनने के बाद देश सेवा करने की बजाये परिवार में लीन हो जाती है जो इस पेशे के लिए ठीक नही है। मैं आपसे अपील करूंगा की आप अपने कार्य व परिवार में सामज्स्य बैठाकर काम करें। विशिष्ट अतिथि डा. रघुराम भट्ठ ने अपना संबोधन संस्कृत में शुरू किया और काई श्लोकों के माध्यम से आयुर्वेद के बारें में महत्वपूर्ण जानकारियों छात्रों को दी। उन्होने बताया उन्होने जो पढ़ा था आज उसमें काफी बदलाव आया है और आज जो आप पढ़ रहे है वह भी समय के साथ बदल जायेगा। इसलिए अपने आपकों निदान व अभ्यास में बनाये रखने के लिए आपकों पढ़ते रहना होगा। तभी आप एक अच्छे वैद्य बन पायेंगे।
समारोह के दौरान कुछ ऐसे पल भी आये जब छात्रों ने अपनी भूली बिसरी यादें आपस में मिलकर एक बार फिर ताजा की। संस्थान की कुछ प्रतिभावान विद्यार्थियों ने अपनी उपलब्धियों के बारें में भी बताया और इसके श्रेय संस्थान में अपने गुरूओं द्वारा मिले ज्ञान को दिया। संस्थान के रेजिडेंट मेडिकल अधिकारी डा. जितेंद्र ने बताया कि दीक्षांत समारोह में 6 पाठ्यक्रमों में स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स की शुरूआत हुई थी। दीक्षांत समारोह के दौरान वर्ष 2016, 2017 व 2018 बैच के स्नात्तकोतर व 2016-2022 बैच के स्नातक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। पीजी कोर्स में 60 विद्यार्थियों को माानद उपाधि व यूजी कोर्स में 94 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।
समारोह के अंत में संस्थान के एडीए डा. अशोक मदन सिंह ने सभी मेहमानों का धन्यवाद व आभार प्रकट किया। साथ ही उन्होने दीक्षांत समारोह को सफल बनाने के लिए संस्थान के स्टाफ, विद्यार्थियों व शिक्षकों का भी आभार प्रकट किया।
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