नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए कहा कि वह और उनके साथी मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं होंगे। केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि दोनों नेता जनता के पास जाएंगे और चुनावी अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में कहा, “मैं और मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं लेंगे। हमारे पास जनता के साथ जुड़ने और उनकी समस्याओं को सुनने का एक और बड़ा मौका है। हम चुनावी प्रचार में सीधे जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझेंगे और समाधान देने की कोशिश करेंगे।”
केजरीवाल के इस ऐलान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह घोषणा दिल्ली की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत देती है, जहां दोनों प्रमुख नेता अब सीधे जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं और अपेक्षाओं को जानने की कोशिश करेंगे।
इसके साथ ही, पार्टी में नए मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया भी शुरू होगी। केजरीवाल और सिसोदिया का यह कदम जनता को यह संदेश देता है कि वे जनता की प्राथमिकताओं को लेकर गंभीर हैं और चुनावी माहौल में भी उनकी भागीदारी अहम होगी।
इस ऐलान के बाद, राजनीतिक पर्यवेक्षकों और समर्थकों की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि दिल्ली में नेतृत्व परिवर्तन और चुनावी प्रचार के नए तरीके कैसे अपनाए जाएंगे।
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