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    सिंगापुर को मिल सकता है भारतवंशी शनमुगरत्नम के रूप में नया राष्ट्रपति

    -सिंगापुर में राष्ट्रपति की रेस में भारतवंशी थर्मन शनमुगरत्नम, बोले- देश को गैर चीनी राष्ट्रपति मिलेगा, क्योंकि लोग काम देखते हैं

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-विदेश/शिव कुमार यादव/– सिंगापुर में 1 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव की रेस में आगे चल रहे भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नमं सिंगापुर के अगले राष्ट्रपति हो सकते है। इस अवसर पर उनका कहना है कि सिंगापुर को इस बार गैर-चीनी राष्ट्रपति मिलेगा, क्योंकि सिंगापुरवासी लोगों की नस्ल की बजाय उनके काम देखते हैं।
                शनमुगरत्नम का मुकाबला चीनी मूल के दो प्रत्याशियों एनजी कोक सॉन्ग और टैन किन लियान से हैं। उनका यह बयान इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि 60 लाख की आबादी वाले सिंगापुर में 9 फीसदी भारतीय मूल के लोग हैं। जबकि 74 फीसदी निवासी आबादी चीनी है।

    अर्थशास्त्री से राजनेता बने, अब मंत्री पद छोड़ा
    शनमुगरत्नम 25 फरवरी 1957 को सिंगापुर में जन्मे हैं। उनके दादा तमिलनाडु से जाकर सिंगापुर में बसे थे। थर्मन के पिता प्रो.के. शनमुगरत्नम थे। जो एक चिकित्सा वैज्ञानिक थे। जिन्हें सिंगापुर में पैथोलॉजी के जनक माना जाता है। कैम्ब्रिज के अर्थशास्त्री शनमुगरत्नम सिंगापुर के ‘पॉलिसी मेकर’ रहे हैं। वे ग्लोबल फोरम पर सिंगापुर और भारत जैसे देशों की बात को बेबाकी से रखने के लिए जाने जाते हैं। वे कहते हैं कि चीन-अमेरिका दोनों महाशक्तियों को यह अहंकार छोड़ने की जरूरत है कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि विकासशील देश बहुत जरूरी है।
               शनमुगरत्नम की पत्नी जेन इटोगी चीनी-जापानी मूल की हैं। वो उन्हें कैंब्रिज में मिली थीं। उनकी एक बेटी और 3 बेटे हैं। बेटी माया वकील, बेटा आकाश सॉफ्टवेयर टेक कंपनी क्रियोन डेटा के सह संस्थापक हैं। वहीं, कृष्ण इकोनोमिक्स, जबकि अर्जुन सिंगापुर अमेरिकन स्कूल के छात्र हैं।

    जीते तो तीसरे भारतवंशी राष्ट्रपति
    मीडिया रिपोर्ट में शनमुगरत्नम अन्य प्रत्याशियों से आगे चल रहे हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एनजी कोक सॉन्ग का कहना है कि चुनाव को निर्विरोध होने से रोकने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। वहीं, टैन किन 2011 में भी चुनाव लड़े थे और चौथे नंबर पर रहे थे। अगर थर्मन चुनाव जीतते हैं तो वे सिंगापुर में भारतीय मूल के तीसरे राष्ट्रपति होंगे।
               1981 में संसद में चुने गए देवेन नायर राष्ट्रपति बने थे। एस. आर. नाथन 1999 से 2011 तक 11 साल तक राष्ट्रपति रहे। वे निर्विरोध चुने गए थे। 1991 के बाद से आम लोग वोटिंग से राष्ट्रपति चुनते हैं। शनमुगरत्नम मतदान से राष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे।

    दुनिया में 7 देशों के प्रमुख भारतवंशी
    ब्रिटेन में ऋषि सुनक समेत 7 देशों के प्रमुख भारतवंशी हैं। 42 देशों की सरकार या विपक्ष में कम से कम एक भारतवंशी है। सबसे ज्यादा 19 सांसद कनाडा में हैं। इनमें तीन कैबिनेट मंत्री हैं।

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