नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली एकबार फिर कोरोना की चपेट में आ गई है। करीब 10 माह बाद दिल्ली में कोरोना से एक दिन में डेढ़ हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। वहीं संक्रमण दर भी 28 फीसदी के करीब जा पहुंची है। इतना ही नही दो लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के 1527 नए मामले सामने आए, वहीं 909 मरीजों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दी गई, जबकि दो मरीजों ने दम तोड़ दिया। दिल्ली में बुधवार को कोरोना की जांच के लिए 5499 लोगों की जांच की गई जिसमें 27.77 फीसदी लोग संक्रमित पाए गए। दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस 3962 हैं। इनमें से 2212 लोग होम आइसोलेशन में और 223 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से आईसीयू मं 97, वेंटिलेटर पर 12 और ऑक्सीजन सपोर्ट पर 59 मरीज भर्ती हैं। वहीं दिनोंदिन कोरोना के बढ़ते मामलों ने फिर से स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
मौसमी बीमारियों ने बढ़ाई और भी मुश्किलें
दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के साथ मौसमी बीमारियों ने भी समस्या बढ़ा दी है। इसकी चपेट में आम लोगों के साथ बढ़ी संख्या में डॉक्टर भी आ रहे है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली, डॉ. राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, गुरु तेग बहादुर अस्पताल सहित दिल्ली के 15 से अधिक अस्पतालों में काफी डॉक्टर इस वक्त बीमार हैं।
एम्स समेत अन्य अस्पतालों के डॉक्टर हुए कोरोना संक्रमित
हालांकि स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन तबीयत खराब होने से अस्पताल में मरीजों को देखने के लिए डॉक्टरों की संख्या घट रही है। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में वरिष्ठ फैकल्टी सहित चार डॉक्टर और कई अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए हैं। इसे देखते हुए एम्स ने डॉक्टर व कर्मचारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। वहीं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में करीब सात डॉक्टर कोरोना से संक्रमित है। इसके अलावा अन्य अस्पतालों में
कोरोना से संक्रमित डॉक्टरों की संख्या एक-दो है।
डॉक्टरों का कहना है कि पिछली लहर में संक्रमित डॉक्टरों को सात दिन क्वारंटाइन रहने को कहा गया था, इस बार ठीक होने के बाद सेवाएं दे रहे हें। इस संबंध में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. पुलिन गुप्ता ने कहा कि कोरोना बार-बार अपना रूप बदल रहा है। इस बाद यह मौसमी बीमारी से पीड़ितों को भी अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में मधुमेह, बीपी सहित गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को कोरोना का टीका तीसरा टीका भी जरूर लगवाना चाहिए। ऑक्सीजन की मात्रा 95 से कम हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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