नजफगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- आज देश भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व भाजपा नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की 99वीं जयंती मना रहा है। इस अवसर पर भावभीनी श्रद्धाजंलि देते हुए दिचाउं कला की पार्षद व भाजपा नेत्री नीलम कृष्ण पहलवान ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई न केवल एक जिंदादिल इंसान थे बल्कि अपने सौम्य व्यवहार से सभी के दिलो पर राज भी करते थे। इस अवसर पर उन्होने पूर्व पीएम अटल जी पर लिखी पुस्तक ’हार नहीं मानूंगा के कुछ दिलचस्प किस्से भी कार्यकर्ताओं के बीच बयां किये।
नजफगढ़ के केपी फॉर्म स्थित कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ अपने प्रिय नेता स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धाजंलि देते हुए श्रीमति नीलम कृष्ण पहलवान ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन बड़ा ही सादगी भरा था। उनके राजनीतिक सफर में ऐसे अनेको अवसर आये जब वह अपनी स्पष्ट व बेबाक टिप्पणी से सभी के चहेते बने। उन्होने उनके जीवन के कुछ खास संस्मरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब उनसे उनके विवाहित जीवन के बारें में पूछा गया तो उन्होने कहा कि’मैं अविवाहित हूं, कुंवारा नहीं…’ जब एक सवाल का पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था ऐसा जवाब।
सबसे चर्चित जवाब : शादी को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी से सबसे ज्यादा सवाल पूछा जाता था. इसे लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब काफी चर्चित है। दरअसल, शादी को लेकर किए एक सवाल पर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, मैं अविवाहित हूं३ लेकिन कुंवारा नहीं
आदर्श पत्नी की तलाश : एक बार एक पार्टी में एक महिला पत्रकार ने अटल से सवाल किया कि, वाजपेयी जी आप अब तक कुंवारे क्यों हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया, आदर्श पत्नी की खोज में. महिला पत्रकार ने फिर पूछा, क्या वह मिली नहीं? वाजपेयी ने जवाब दिया, मिली तो थी लेकिन उसे भी आदर्श पति की तलाश थी।
लव स्टोरी को लेकर चर्चे : अधिकतर लोग ये जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की। पर बहुत कम लोग जानते हैं कि मिसेज कौल प्रधानमंत्री आवास में उनके साथ रहती थीं, लेकिन पत्नी के दर्जे से नहीं. कहा जाता है कि इस प्यार की कहानी को कभी कोई नाम नहीं मिल सका
जब कौल को लेकर पूछा गया सवाल : 1978 में वाजपेयी विदेश मंत्री थे. वह चीन और पाकिस्तान से लौटकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. इसी दौरान पत्रकार उदयन शर्मा ने पूछा, वाजपेयी जी, पाकिस्तान, कश्मीर और चीन की बात छोड़िए और ये बताइए कि मिसेज़ कौल का क्या मामला है? कौल पर दिया दिलचस्प जवाब : कौल को लेकर पूछे सवाल को सुनकर हर कोई खामोश हो गया।सबकी नजरें अब अटल बिहारी वाजपेयी पर जाकर टिक गईं थी. कुछ देर चुप रहने के बाद अटल बिहारी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, कश्मीर जैसा मसला है।
नेहरू भी थे कायल : एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जनसंघ की आलोचना की. इस पर अटल ने कहा, मैं जानता हूं कि पंडित जी रोज़ शीर्षासन करते हैं. वह शीर्षासन करें, मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मेरी पार्टी की तस्वीर उल्टी न देखें. इस बात पर नेहरू भी ठहाका मारकर हंस पड़े थे।
जब तक पद नहीं तब तक यात्रा : यह बात है अस्सी के दशक की. तब इंदिरा गांधी देश की पीएम थीं. अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटना को लेकर पदयात्रा कर रहे थे. वाजपेयी के मित्र अप्पा घटाटे ने उनसे पूछा, पदयात्रा कब तक चलेगी? अटल जी ने उत्तर दिया, जब तक पद नहीं मिलता, यात्रा चलती रहेगी।
जब खुद को बताया बिहारी : वर्ष 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने बिहार पहुंचे. उन्होंने मंच से कहा, मैं अटल हूं और बिहारी भी हूं. यह सुनकर लोगों ने खूब तालियां बजाईं।
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