• DENTOTO
  • सबसे गर्म साल होगा 2025, मौसम विभाग का अनुमान

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 10, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    सबसे गर्म साल होगा 2025, मौसम विभाग का अनुमान

    -इस बार हीटवेव के दिन दोगुने होंगे; 5-6 की जगह लगातार 10-12 दिन लू चलेगी

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- देश में इस बार उम्मीद से कहीं ज्यादा गर्मी पड़ने वाली है। भारतीय मौसम विभाग  के मुताबिक, इस साल देश के नॉर्थ-वेस्ट राज्यों यानी हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली में हीटवेव (लू) के दिनों की संख्या दोगुनी होने की आशंका है। आमतौर पर अप्रैल से जून के महीनों में लगातार 5-6 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार 10 से 12 दिनों के ऐसे कई दौर आ सकते हैं हालांकि, मौसम विभाग ने यह जानकारी नहीं दी कि इस साल हीटवेव का असर कितने दिन रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हीटवेव के दिनों की संख्या दोगुनी होती है तो 2025 अब तक का सबसे गर्म साल होगा। ऐसे में पारा सामान्य से 5 डिग्री या इससे भी ज्यादा रह सकता है।

    हीटवेव के दिन गिनने का अलग तरीका
    भारत के लिए साल 2024 सबसे ज्यादा गर्म सालों में से एक रहा था। बीते साल देश में 554 दिन हीटवेव का असर रहा था। बता दें कि साल में 365 दिन होते हैं, लेकिन हीटवेव के लिए इन्हें गिनने का अलग तरीका है।
                 मान लीजिए किसी महीने दिल्ली में 10 दिन, राजस्थान में 15 दिन, यूपी 12 दिन और बिहार में 8 दिन हीटवेव रही, तो हीटवेव डे 45 माने जाएंगे। यानी उस महीने इन चार राज्यों में हीटवेव की कुल घटनाएं 45 हैं, न कि एक महीने में 45 दिन हीटवेव रही। ऐसे ही 2024 में 554 हीटवेव डे से मतलब देश में हीटवेव की कुल घटनाओं से है, न कि कैंलेंडर के दिनों से।

    किस दिन को माना जाता है हीटवेव
    मैदानी, पहाड़ी और तटीय इलाकों के लिए हीटवेव की स्थिति तय करने का आधार अलग होता है। किसी दिन हीटवेव का असर तब माना जाता है जब उस दिनों के मौसम का तापमान सामान्य से 5° ज्यादा हो या…

    पहाड़ी इलाका- अधिकतम तापमान 30° से ऊपर हो।
    तटीय इलाका- अधिकतम तापमान 37° से ऊपर हो।
    मैदानी इलाका- अधिकतम तापमान 40° से ऊपर हो।
    अगर तापमान सामान्य से 6.5° या उससे ज्यादा बढ़ जाए तो उसे गंभीर हीटवेव माना जाता है। प्डक् ने इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है।

    हीटवेव बढ़ने की 2 बड़ी वजह
    मौसम विभाग के मुताबिक, हीटवेव के दिन बढ़ने के पीछे की वजह अल-नीनो परिस्थितियां है। प्रशांत महासागर के पानी के असामान्य रूप से गर्म होने से अल-नीनो परिस्थितियां बनती हैं।
               इससे भारत में बारिश में कमी आती है और गर्मी का असर तेज होता है। इस साल अल-नीनो का सबसे खराब दौर ढाई महीने तक चलेगा, जो जून में खत्म होगा।
               इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन भी इसकी एक बड़ी वजह होती है। इसके चलते लू ज्यादा दिनों तक चलती है, जिससे हीटवेव की तीव्रता और अवधि बढ़ जाती है।
             
    अभी देश के 8 राज्यों में तापमान 40 डिग्री से ज्यादा
    मौसम विभाग के मुताबिक, देश के 8 राज्यों का तापमान अभी 40 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। मार्च से ही कई राज्यों में हीटवेव जैसी स्थितियां बनने लगी है। अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत में गर्मी और बढ़ सकती है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में तापमान 1-2 डिग्री तक बढ़ सकता है।

    हालांकि, उत्तर-पश्चिमी हवाओं यानी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में अगर बारिश या बर्फबारी हुई तो तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है। वहीं पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अगले तीन दिनों तक हवाएं चलेंगी, जिससे मौसम सूखा और धूलभरा रहेगा।


    देश में गर्मी के मौसम को 3 हिस्सों में बांटा जा सकता है३

    1. प्री समरः मार्च और अप्रैल में गर्मी की शुरुआत होती है। अप्रैल के पहले सप्ताह से लू चलने के साथ ही गर्मी की शुरुआत मानी जाती है।

    2. पीक समरः मई और मध्य जून में गर्मी पीक पर होता है। इस समय सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, जिससे पूरे देश में गर्मी तेजी से बढ़ने लगती है।

    3. पोस्ट समरः जून के आखिरी सप्ताह से गर्मी थोड़ी कम होने लगती है। जैसे-जैसे मानसूनी हवाएं देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाती है, लोगों को गर्मी से राहत मिलती है। कई बार मानसून चक्र में बदलाव की वजह से जुलाई महीने में भी भीषण गर्मी पड़ती है।

    हीटवेव से बचने के लिए सरकार का प्लान
    गर्मी के बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। हीटवेव से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय 13 मार्च को राज्यों को दिशानिर्देश जारी कर चुका है। मंत्रालय ने अस्पतालों में हेल्पडेस्क, व्त्ै, दवाओं और प्ट फ्लूइड्स का स्टॉक करने को कहा है। इसके अलावा राज्यों को 3 जरूरी निर्देश दिए हैं…

    अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए आइस पैक, ठंडे पानी और प्राथमिक इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश हैं।
    सभी मेडिकल संस्थानों को हीट स्ट्रोक और गर्मी से जुड़ी बीमारियों का डेटा ऑनलाइन अपडेट करना है। डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स को हीटवेव से निपटने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox