संसद में उठी पूजा कानून को खत्म करने की मांग,

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
December 26, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

संसद में उठी पूजा कानून को खत्म करने की मांग,

-भाजपा सांसद ने बताया ’असंवैधानिक’

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में पूजा स्थल अधिनियम 1991 को असंवैधानिक बताते हुए इसे खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कानून भगवान राम और कृष्ण के बीच भेद करता है जबकि दोनों भगवान विष्णु के अवतार हैं। उन्होने यह भी कहा कि यह कानून हिंदू, जैन, सिक्ख, बौद्धों के धार्मिक अधिकारों का हनन करता है।

‘खत्म हो 1991 वर्शिप एक्ट’
बीजेपी सांसद ने कहा, ‘1991 एक्ट जो है कानून का संविधान में समानता का उल्लंघन करता है और कानून में प्रावधान है कि श्री राम जन्मभूमि की अलावा जो 1947 से लंबित मामले हैं उनको समाप्त माने जाएंगे और जो कोई इस कानून का उल्लंघन करेगा तो उसे 1 साल से 3 साल की सजा है। उपासना स्थल कानून 1991 न्यायिक समीक्षा पर रोक लगाता है जो हिंदू सिख जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के अधिकार कम करता है। मैं च्ड का अभिनंदन करता हूं। आजादी के के बाद जो लंबे समय तक सरकार में रहे, वह हमारे धार्मिक स्थलों की मान्यता को नहीं समझ सके और राजनीतिक फायदे के लिए अपने ही संस्कृति पर शर्मिंदगी होने की प्रवृत्ति स्थापित की। ‘

जानिए क्या है वर्शिप एक्ट’
इस कानून के अनुसार, 15 अगस्त 1947 से पहले बने किसी भी धार्मिक स्थल को दूसरे धर्मस्थल में बदला नहीं जा सकता। अगर कोई धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ कर उसे चेंज करना चाहे तो उसे 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। बता दें, राम जन्मभूमि मंदिर मामला तब कोर्ट में था। इसलिए उसे इससे अलग रखा गया था। हालाँकि, बाद में ज्ञानवापी केस में इसी कानून का हवाला देते हुए मस्जिद कमेटी ने विरोध किया।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox