शाम होते ही होने लगता है स्ट्रेस? जानें क्या है सनसेट एंजायटी और इससे बचने के तरीके

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December 23, 2025

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शाम होते ही होने लगता है स्ट्रेस? जानें क्या है सनसेट एंजायटी और इससे बचने के तरीके

मानसी शर्मा /-   सूरज का उगना और ढलना प्रकृति की एक अद्भुत रचना हैं। सूरज के ढलते समय आसमान का रंग बदलना. पक्षियों का अपने घर लौट जाना, ये सब दृश्य मन को लुभाने वाला होता हैं। यानी सूरज ढलने का मतलब सुंदरता से है। लेकिन कुछ लोगों के लिए सूरज ढलने का मतलब चिंता और डर भी हैं।

क्या है सनसेट एंग्जाइटी?

कुछ लोगों को सूरज डूबने के साथ घबराहट और खालीपन महसूस होने लगता हैं। इसे सनसेट एंग्जाइटी कहा जाता है। लेकिन यह कोई मानसिक बीमारी नहीं है। जो लोगों अपनी डेली लाइफ में स्ट्रेस और प्रेशर से जूझ रहे हैं, उन्हें सनसेट एंग्जाइटी होती हैं। अगर आप भी सनसेट एंग्जाइटी के शिकार है तो जान लें इसके लक्षण और बचाव के तरीके।

सनसेट एंग्जाइटी के कारण

सनसेट एंग्जाइटी एक ऐसा मेंटल स्टेट है, जिसमें व्यक्ति को सूरज डूबने के साथ चिंता, उदासी, या बेचैनी का अनुभव होता है। अक्सर ये समस्या अकेलापन महसूस करने और समय काटने के लिए किसी का न होने के कारण होता है। इसके अलावा दिनभर की थकान, तनाव और काम होने की वजह से या डेली रूटीन सही नहीं होने से सनसेट एंग्जाइटी हो सकती हैं।

सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण

सनसेट एंग्जाइटी के कई लक्षण हो सकते हैं। जैसे मन में नकारात्मक विचारों का हावी होना, पसीना आना, हाथ-पैरों का कांपना, सांस फूलना जैसे लक्षण होते हैं। इसके अलावा दिल की धड़कन तेज होना, सही तरह नींद न आना या बीच-बीच में नींद का टूट जाना, जरूरत से ज्यादा सोचना हो सकता हैं।

सनसेट एंग्जाइटी से बचाव

अगर आप भी सनसेट एंग्जाइटी के शिकार है तो इन तरीकों को अपनाने से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

नियमित दिनचर्या बनाएं: एक ही समय पर उठें, व्यायाम करें, हेल्दी खाना खाएं, शाम को टहलने जाएं। इससे आपका मन शांत रहेगा और चिंता भी कम होगी।

पसंदीदा काम करें: खुद को व्यस्त रखने के लिए अपना पसंदीदा काम करें। जैसे कि ड्रॉइंग, म्यूजिक सुनना, कुकिंग, या शोज़ देखना। इससे आप नकारात्मक विचारों से दूर रखेंगे।

अपनों के साथ समय बिताएं: अकेलापन चिंता को बढ़ा सकता है। इसलिए कोशिश करें कि अपना ज्यादातर समय अपने  दोस्तों और परिवार के साथ बिताएं।

जरूरत पड़ने पर मदद लें: अगर सनसेट एंग्जाइटी लंबे समय से हो रही है, तो किसी मेंटल हेल्थ स्पेशलिस्ट से सलाह लें।

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