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    विश्व हृदय दिवस पर आरजेएस पीबीएच का 266वां कार्यक्रम संपन्न: सकारात्मक मन की शक्ति पर जोर

    -दिल का साथ चाहिए तो मन को सकारात्मक बनाएं - डॉ. प्रेम अग्रवाल -सकारात्मक पत्रकारिता ने खींची बड़ी लाइन - प्रो. के जी सुरेश -मन की शांति, सक्रिय जीवन और संतोष में ही है समाधान - बीके राजश्री -पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आरजेएस पीबीएच कार्यक्रम का शुभारंभ

    नई दिल्ली/उदय कुमार मन्ना/-   राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) द्वारा विश्व हृदय दिवस के अवसर पर 266वां कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के संस्कार भारती हाल में आयोजित किया गया, जिसमें समाज के लोगों और खासकर पत्रकारों के स्वास्थ्य पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन और संचालन आरजेएस पीबीएच के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना द्वारा किया गया।

    कार्यक्रम की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रेम अग्रवाल, ब्रह्माकुमारी संस्थान पटेल नगर की प्रमुख बीके राजश्री, और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर के जी सुरेश जैसे प्रमुख अतिथियों ने अपने विचार साझा किए।

    मुख्य अतिथि डॉ. प्रेम अग्रवाल ने हृदय रोगों से बचने के लिए टिप्स दिए और जल्द से जल्द ईसीजी कराने की सलाह दी, ताकि किसी भी हृदय रोग का प्रारंभिक स्तर पर पता लगाया जा सके। उन्होंने खासकर पत्रकारों को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने की सलाह दी, क्योंकि पत्रकारिता की तनावपूर्ण जीवनशैली उनके दिल पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

    प्रोफेसर के जी सुरेश, जिन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, ने सकारात्मक पत्रकारिता को राष्ट्रहित में बताया। उन्होंने कहा कि पहले पॉजिटिव मीडिया को खबरों में स्थान नहीं दिया जाता था, लेकिन अब धीरे-धीरे समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। आरजेएस पीबीएच की दसवें साल में प्रवेश को उन्होंने सकारात्मक पत्रकारिता की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने पत्रकारों से तथ्यात्मक और समाधान-उन्मुख पत्रकारिता करने का आह्वान किया।

    बीके राजश्री ने अपने उद्बोधन में लोगों की बढ़ती मानसिक अशांति पर चिंता व्यक्त की और इससे बचने के उपाय बताए। उन्होंने ओम शांति का संदेश देते हुए जीवन को सरल, सकारात्मक और संतोषपूर्ण बनाने के सुझाव दिए।

    कार्यक्रम के दौरान आरजेएस पीबीएच के सितंबर अंक का न्यूज़ लेटर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लॉन्च किया गया। साथ ही, कुछ विशेष व्यक्तियों को आरजेएस पीबीएच के मैनिफेस्टो को लागू करने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ अप्रिसिएशन 2024-25 प्रदान किया गया।

    कार्यक्रम का समापन चायपान और प्रभात नमकीन के साथ भोजन के बाद हुआ, जिसमें सभी उपस्थित लोग सकारात्मक ऊर्जा और नए विचारों से भरपूर थे।

    इस कार्यक्रम ने एक बार फिर समाज और पत्रकारों के बीच सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर जोर दिया।

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