नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- चीन को पछाड़ कर भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क वाला देश बन गया है। हालांकि शीर्ष पर अभी यूएसए बना हुआ है। यूएसए में 68 लाख किलोमीटर तक रोड का जाल बिछा हुआ है जबकि भारत में 63.7 लाख किलोमीटर का सड़कों का जाल बिछा है।
चीन में 51.9 लाख किलोमीटर तक सड़कों का जाल है। इसके बाद ब्राजील में 20 लाख, रूस में 15.2 लाख, फ्रांस में 10.5 लाख, कनाडा में 10.4 लाख, आस्ट्रेलिया में 8.73 लाख किलोमीटर, मैक्सिको में 8.17 लाख किलोमीटर और साउथ अफ्रीका में 7.50 लाख किलोमीटर की सड़कें बिछी हैं। भारत में काफी तेजी से सड़कों और हाइवे का निर्माण हो रहा है। पिछले कई सालों में हाइवे और एक्सप्रेसवे खूब बने हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी जब से केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री बने है तब से देश में सड़कों का जाल खूब बिछा है। कई सड़कों का कायाकल्प हुआ है। आज यकीनन सड़क सही हुई है और यातायात सुगम हुआ है।
सरकार की ओर से दावा भी किया गया है कि आने वाले कुछ समय में भारत की सड़कें अमेरिका की सड़कों को टक्कर दे सकेगी। विश्व में दूसरे बड़े रोड़ जाल वाले देश का श्रेय भारत को मिला है। भारत का पड़ोसी देश चीन अब पीछे हो गया है।
दूसरे स्थान पर पहुंचा भारत
चीन को पछाड़कर भारत सड़क नेटवर्क मामले में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क वाला देश बन चुका है। अब वह सड़कों के जाल के मामले में दुनिया का नंबर 1 देश बनने से बस कुछ ही कदम दूर है। अभी भारत में अमेरिका की सड़कों से पांच लाख किलोमीटर ही कम है। अगर भारत पांच लाख किलोमीटर तक सड़क का निर्माण कर लेता है तो विश्व में वह प्रथम देश बन जाएगा। भारत ने अपना रिकार्ड मात्र बीते नौ सालों में बनाया है। 2014 के बाद से भारत ने करीब डेढ़ लाख किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क बढ़ाया है। सड़क निर्माण के कारण ही ये कामयाबी भारत को नसीब हो पाई है।
सड़क निर्माण के अलावा कई रिकार्ड भारत ने बनाये है। इसमें सौ घंटे में सौ किलोमीटर तक की सड़क निर्माण का काम एक्सप्रेसवे का हुआ है। बीते साल में एनएचएआई ने करीब 106 घंटे में 75 किलोमीटर लंबा सड़क निर्माण कर के गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया। बीते नौ साल में सरकार को टोल कलेक्शन में भी काफी बढ़ोतरी की है। लोगों को लंबे कतार से बचाने के लिए फास्ट टैग जैसे तकनीक लायी गयी, जिससे टोल पर अब जाम नहीं लगता है।
सड़क से जुड़ रहा देश
आज देश का हर एक हाई नेशनल और हाइवे तथा एक्सप्रेसवे सभी सड़कों को कहीं न कहीं कनेक्ट कर रहा है। बीते कुछ सालों में यात्राएं सुगम हुई है। सड़क की स्थिति ठीक होने के कारण आज कम समय में अधिक दूरी तय की जा रही है। जो लोग कभी ट्रेन और जहाज से यात्रा करने को मजबूर हो जाते थे, अब वो सड़क मार्ग से अपने वाहन से कम समय में पहुंच रहे हैं। इसका एक मुख्य कारण ये भी है कि देश की सडृकें काफी अच्छी हुई है। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे ऐसा है कि उस पर प्लेन और जरूरत पड़ने पर सेना का जहाज भी उतारा जा सकता है। आज पूरा भारत उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक सभी जगह सड़क मार्ग से कनेक्ट है।
भारतीय सड़क नेटवर्क विश्व के अन्य देशों के मुकाबले व्यापक है और वहां क्रमशः लगभग 5.9 मिलियन किलोमीटर सड़कों की लंबाई है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में, लोगों के आपसी संचार को बढ़ावा देने में और विभिन्न भागों को जोड़ने में बहुत ही महत्वपूर्ण रोल निभाता है। इसके अलावा, सड़क नेटवर्क भारत में लोगों को समृद्धि और विकास के लिए नई और अधिक संवेदनशील बाजारों तक पहुंचने में भी मदद करता है। इस प्रकार, भारत का रोड नेटवर्क उसकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और विकास के माध्यम के रूप में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है।
More Stories
डी.एच क्रिकेट की रोमांचक जीत! विराज के विस्फोटक शतकीय पारी ने मचाया कोहराम!
ककरौली उपचुनाव में हिंसा और पथराव, पुलिस पर हमला, 120 पर मामला दर्ज
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी हमला, 32 लोगों की मौत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुयाना दौरा, राष्ट्रपति इरफान अली ने किया स्वागत
पोक्सो एक्ट में वांछित अपराधी को द्वारका एएटीएस ने किया गिरफ्तार
पर्थ टेस्ट से पहले कप्तान बुमराह का दिखा अलग रूप, प्लेइंग इलेवन पर साधी चुप्पी