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    विश्व के पहले इफको नैनो डीएपी (तरल) उर्वरक को अमित शाह ने किया राष्ट्र को समर्पित

    -कहा- भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत -इसका प्रयोग जैविक रूप से सुरक्षित, मृदा, जल और वायु प्रदूषण को कम करना इसका उद्देश्य -डीएपी के आयात पर निर्भरता होगी कम, परंपरागत यूरिया से होगा सस्ता

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह बुधवार यानी आज दिल्ली में उर्वरक सहकारी समिति इफको सदन के विशाल मुख्यालय से इफको नैनो डीएपी (तरल) का शुभारंभ किया। डीएपी (लिक्विड) के लॉन्चिंग समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इफको के नैनो डीएपी (लिक्विड) के प्रोडक्ट फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने व किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। माननीय मंत्री जी ने इफको सदन में आयोजित एक समारोह में नैनो डीएपी (तरल) राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे भारत व विदेश में करोड़ों किसानों और सदस्य सहकारी समितियों ने ऑनलाइन देखा।

                    इफको ने नैनो डीएपी के उत्पादन के लिए गुजरात में कलोल, कांडला और उड़ीसा में पारादीप में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की है। कलोल संयंत्र में उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है। इस वर्ष नैनो डीएपी के 5 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा जो 25 लाख टन डीएपी के बराबर होगा। आशा है कि वित्त वर्ष 2025-26 तक इफको के तीनों नैनो डीएपी संयंत्रों से नैनो डीएपी की 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि नव विकसित इफको नैनो डीएपी पारंपरिक डीएपी की तुलना में न केवल लागत कम करेगी बल्कि सब्सिडी भी कम करेगी। बताया जाता है कि नैनो डीएपी की एक बोतल की कीमत करीब 600 रुपये होगी।
                     नैनो डीएपी (तरल) नाइट्रोजन और फास्फोरस का उत्तम स्रोत है, जो पौधों में इन पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है। उर्वरक क्षेत्र की विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा विकसित तरल उर्वरक नैनो डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत 2 मार्च, 2023 को अधिसूचित किया गया है। इफको को भारत में नैनो डीएपी (तरल) के उत्पादन की अनुमति देने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की गई थी। यह जैविक रूप से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही अवशेष मुक्त हरित कृषि के लिए उपयुक्त है  इस बीच इफको नैनो डीएपी का ट्रायल देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहा है। नैनो डीएपी से संबंधित अपने उत्साहजनक अनुभव व्यक्त करने वाले किसानों के कई वीडियो भी इफको के एमडी ने अपने ट्विटर वॉल के माध्यम से कई बार साझा किए। आपको याद होगा कि पिछले महीने इफको के नैनो डीएपी को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था और उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) में अधिसूचित किया गया था।
                   

     इस अवसर पर अपने उद्बोधन में श्री अमित शाह, माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा , “सफल सहकारी समितियां अपने ढांचे से बाहर निकलते हुए अनुसंधान और नए नए क्षेत्रों में पदार्पण की दृष्टि से इफको आज सभी सहकारी समितियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है। इफको के द्वारा नैनो डीएपी (तरल) का लॉन्च फ़र्टिलाइज़र के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। करोड़ों केमिकल फर्टिलाइजर युक्त भूमि भारतीयों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी हुई है। आज लॉन्च हुए नैनो डीएपी (तरल) न केवल भूमि के संरक्षण में बड़ा योगदान देगा अपितु पौधे पर छिड़काव के माध्यम से उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ाएगा ।“
                   “देश में कुल फर्टिलाइजर का उत्पादन 384 लाख मीट्रिक टन हुआ है। इसमें सहकारी समितियों ने 132 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है। और इस 132 लाख मैट्रिक टन फ़र्टिलाइज़र में से अकेले इफको ने 90 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर का उत्पादन किया है। भारत की आत्मनिर्भरता में इफको, कृभको जैसी हमारी सहकारी समितियों का बहुत बड़ा योगदान है”, श्री अमित शाह ने कहा।

                      इफको के अध्यक्ष श्री दिलीप संघाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने के अनुरूप किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें बेहतर भविष्य प्रदान करने के उद्देश्य से नैनो डीएपी (तरल) को विकसित किया गया है।
                      इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि नैनो डीएपी (तरल) फसल में पोषक तत्वों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाने में बहुत प्रभावी पाया गया है। नैनो डीएपी (तरल) पर्यावरण हितैषी उत्पाद है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग में काफी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि इफको किसानों की बेहतरी के लिए अत्याधुनिक नवीन कृषि तकनीकों और नवाचारों के प्रयोग पर लगातार काम कर रहा है।

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