मानसी शर्मा / – भारतीय जनता पार्टी ने वरुण गांधी को पीलीभीत से इस बार लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह पर जितिन प्रसाद को बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं मां मेनका गांधी को भाजपा ने सुल्तानपुर से फिर टिकट दिया है। इसी बीच खबर आ रही है किवरुण गांधी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। बुधवार को उनकी टीम ने इस बारे में जानकारी दी है। इसके साथ उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि वो सुल्तानपुर में चुनाव प्रचार करेंगे। बता दें, वरुण गांधी ने नामांकन पत्र खरीदा था जिसके बाद से खबर आ रही थी कि BJP से बगावत करके पीलीभीत से निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन टीम ने उनकी बयान जारी कर इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।
अधीर रंजन ने दिया ऑफर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। हमें बहुत खुशी होगी अगर वो कांग्रेस में आते हैं। वरुण गांधी एक कद्दावर और बेहद काबिल नेता हैं।’ उन्होंने कहा कि वरुण गांधी का गांधी परिवार से नाता है इस वजह से बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। हम चाहते हैं कि अब वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो जाएं।
2004 मे हुए पार्टी में BJP पार्टी में शामिल
साल 2004 में वरुण गांधी BJP पार्टी में शामिल हुए थे। उसके बाद उन्हें पार्टी ने 2009 में पहली बार पीलीभीत से लोकसभा का टिकट दिया था औऱ वह सांसद भी बने थे। उसके बाद वरुण गांधी को साल 2013 में भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया और इसी साल पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया। वरुण की मां मेनका गांधी का बात करें तो 2014 में पार्टी ने सीट सुल्तानपुर से चुनावी मैदान में उतारा था। पीलीभीत से मेनका खुद चुनाव लड़ीं थी। अपनी-अपनी सीट से दोनों ने जीत दर्ज की थी। फिर बीजेपी ने 2019 में दोनों का सीट बदल दिया। वरुण पीलीभीत आ गए और मेनका सुल्तानपुर आ गई। वरुण गांधी और मेनका गांधी दोनों ने अपनी-अपनी सीटों से जीत दर्ज की।
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