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    लोकसभा में नेता विपक्ष बनेंगे राहुल गांधी’, सीडब्ल्यूसी में पारित हुआ प्रस्ताव

    -जगी मजबूत विपक्ष की आस, उत्तर भारत में कांग्रेस होगी मजबूत

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- कांग्रेस कार्य समिति ने शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक शुरू हुई जिसमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालें। इस बाबत बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। निचले सदन में पार्टी संसदीय दल का नेता ही नेता प्रतिपक्ष होगा। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीती हैं।

    लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार आज कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हो रही है। यहां कांग्रेस चुनाव नतीजों की समीक्षा की जा रही है, साथ ही भविष्य की रणनीति पर भी मंथन हो रहा। बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के कई अन्य शीर्ष नेता शामिल हुए।
               कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों ने शनिवार को प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया। कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्यसमिति) ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी से लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालने का अनुरोध किया। राहुल गांधी संसद के अंदर इस अभियान का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। उनके नेता प्रतिपक्ष बनने से संसद में विपक्ष की एक मजबूत आवाज बनेगी। साथ ही उत्तर भारत में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।
              इस चुनाव में कांग्रेस के सीटों की संख्या 52 से बढ़कर 99 पर पहुंच गई है और लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। यह पहली बार होगा, जब 2014 में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद मिलेगा, पिछले 10 सालों में कांग्रेस को यह पद नहीं मिल पाया था, क्योंकि 2014 और 2019 में दोनों बार ही सदन में उसकी सीटें कुल सीटों के 10 प्रतिशत से कम थीं।
              हाल ही में संपन्न चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटें जीतीं और सरकार बनाने के लिए तैयार है। 2014 में सत्ता में आने के बाद यह पहली बार होगा जब भाजपा निचले सदन में बहुमत के बिना सरकार बनाएगी।

    खरगे की अध्यक्षता में हुई बैठक
    पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई विस्तारित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में हुई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी योगदान की सराहना की गई। बैठक में इसे लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
               विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कार्य समिति के अन्य सदस्यों के साथ-साथ वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
               कार्य समिति ने राहुल गांधी से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह करते हुए भी एक प्रस्ताव पारित किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जिन राज्यों में हमारा प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा है, उनकी समीक्षा की जाएगी और उसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति समीक्षा करने के बाद अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेगी।

    प्रधानमंत्री की नैतिक हार
    कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस कार्य समिति की यह बैठक हमारे देश के लोगों को इस लोकतंत्र को बचाए रखने, इस गणतंत्र के संविधान की रक्षा करने और सामाजिक-आर्थिक न्याय को बढ़ाने के लिए इतने शक्तिशाली जनादेश के लिए बधाई प्रेषित करती है। इस देश की जनता ने पिछले एक दशक में की गई शासन की प्रकृति और शैली दोनों को निर्णायक रूप से नकार दिया है। लोकसभा चुनावों का ये जनादेश न केवल प्रधानमंत्री की राजनीतिक हार है, बल्कि उनकी नैतिक हार भी है। उन्होंने अपने नाम पर जनादेश मांगते हुए झूठ, नफरत, पूर्वाग्रह, विभाजन और अत्यधिक कट्टरपंथी अभियान चलाया। यह जनादेश स्पष्ट रुप से लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं को 2014 के बाद निरंतर दबाए जाने के विरूद्ध है।

    चुनाव परिणाम सामूहिक प्रयास का नतीजा
    प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस कार्य समिति, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पुनरुत्थान के मार्ग पर मजबूती से लाने के लिए देश के लोगों को धन्यवाद देती है। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मजबूती से डटे रहे. इस देश के लोगों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में नई जान फूंकी है, जिसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं. पार्टी ने बेहतरीन अभियान चलाया जिसके केंद्र में गणतंत्र के संविधान और अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के आरक्षण के अवसर के प्रावधानों की जोरदार रक्षा को रखा गया था।
               प्रस्ताव में कहा गया कि हमने एक स्पष्ट वैकल्पिक राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण रखा। गरीबों का हित हमारे अभियान के केंद्र में था एवं राष्ट्रव्यापी सामाजिक और आर्थिक जनगणना को हमने रेखांकित किया, जिससे सामाजिक न्याय, सशक्तीकरण एवं नौजवानों व किसानों की आकांक्षाओं को संबोधित किया जा सके। आम चुनावों का ये परिणाम वास्तव में हमारे सामूहिक प्रयास का नतीजा है।

    इंडिया गठबंधन को सराहा
    कांग्रेस कार्यसमिति विभिन्न राज्यों में अपने घटक दलों को इन चुनावों को सशक्त तरीके से लड़ने के लिए धन्यवाद देती है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में साथी दलों के सहयोग से इंडिया गठबंधन ने अपना झंडा गाड़ा। 18वीं लोकसभा में इंडिया गठबंधन का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि अंत में, कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस के सकारात्मक परिवर्तन पर खुशी जताते हुए यह भी स्वीकार किया कि हमारे सामने अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि हम पुनर्जीवित हो चुके हैं, लेकिन देश के राजनीतिक जीवन में पार्टी का जो प्रमुख स्थान था, उसे हासिल करने के लिए हमें अभी भी लंबा सफर तय करना बाकी है। भारत की जनता ने कांग्रेस को एक और मौका दिया है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस अवसर का लाभ उठाएं और हम ऐसा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। यह इस कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की दृढ़ प्रतिबद्धता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सामाजिक व आर्थिक न्याय एवं संवैधानिक मूल्यों, सिद्धांतों व प्रावधानों के प्रति अपनी कटिबद्दता दोहराती है।

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