नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- कुछ समय से केंद्र सरकार ने बुजुर्गों को रेल यात्रा पर मिलने वाला कोटा खत्म कर दिया है जिसे बहाल करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होने पीएम मोदी से अपील करते हुए लिखा कि
रेलवे में दिए जाने वाले बुजुर्ग कोटा को फिर से बहाल करने की विनती की है।
केजरीवाल ने चिट्ठी ट्वीट करते हुए लिखा, ’रेल में बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत को कृपया बंद ना कीजिए। इस रियायत से करोड़ों बुजुर्गों को फायदा हो रहा है।’ चिट्ठी में लिखीं ये बातें
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
देश के बुजुर्गों को पिछले कई सालों से रेल यात्रा में 50 फीसदी तक की छूट मिल रही थी। इसका लाभ देश के करोड़ों बुजुर्गों को मिल रहा था। आपकी सरकार ने इस छूट को समाप्त कर दिया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पिछले दिनों लोकसभा में आपकी सरकार ने बताया कि रेल यात्रा में बुजुगों को दी जा रही छूट को बंद करने से सालाना 1600 करोड़ रुपयों की बचत हो रही है।
कई बार हमें अहंकार हो जाता है कि हमें जो कुछ जिंदगी में मिला वो केवल हमारी मेहनत का नतीजा है। ऐसा नहीं है। हमारी तरक्की में हमारे बुजुर्गो का आशीर्वाद होता है। बिना उनके आशीर्वाद के कोई व्यक्ति, कोई समाज या कोई देश तरक्की कर ही. नहीं सकता।
जैसे दिल्ली में हम बुजुर्गों को उनके पसंद के तीर्थ स्थल की फ्री यात्रा करवाने ले जाते हैं। उनका आना, जाना, वहां रहना, खाना पीना सब कुछ सरकार देती है। इस से बुजुर्गों को असीम खुशी मिलती है। वो दिल की गहराइयों से हमें आशीर्वाद देते हैं। आज दिल्ली हर क्षेत्र में खूब तरक्की कर रही है। उसका कारण इन बुजुर्गों का आशीर्वाद है।
’…समुद्र में बूंद जैसी है 1600 करोड़ की राशि’
सर बात पैसे की नहीं है। बात नीयत की है। दिल्ली सरकार अपने 70,000 करोड़ के बजट में से बुजुगों की तीर्थ यात्रा पर अगर 50 करोड़ खर्च कर देती है तो दिल्ली सरकार कोई गरीब नहीं हो जाती। आने वाले साल में केंद्र सरकार 45 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें बुजुगों की रेल यात्रा में छूट पर मात्र 1600 करोड़ खर्च होते हैं। ये राशि समुद्र में एक बूंद जैसे है। इसके खर्च ना करने से कोई केंद्र सरकार अमीर नहीं हो जाएगी और इसके खर्च करने से केंद्र सरकार गरीब नहीं हो जायेगी। लेकिन जब इसे रोका जाता है तो हम एक तरह से अपने बुजुर्गों को संदेश दे रहे हैं कि हम आपकी परवाह नहीं करते। ये बहुत गलत है। ये भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।
मैंने कई बुजुगों से बात की। रेल यात्रा में दी जा रही यह छोटी सी रियायत उनके लिए बड़ा मायने रखती है। अतः मेरी आपसे विनती है कि बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्द से जल्द इस रियायत को बहाल करने का कष्ट करें।


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