रायबरेली/उमा सक्सेना/- सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को फतेहपुर का दौरा कर रायबरेली के ऊंचाहार में भीड़ हिंसा के शिकार हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात की। यह वही मामला है, जिसमें भीड़ ने हरिओम को चोरी के शक में पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। राहुल गांधी सुबह चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधे हरिओम के घर का रुख किया। शुरू में परिवार ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने राहुल का काफिला रोक लिया, लेकिन बाद में बातचीत के लिए सहमति बन गई।
“परिवार अपराधी नहीं, न्याय दिलाना सरकार की जिम्मेदारी”
मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दलित समुदाय के लोगों पर बढ़ते अत्याचार देश के लिए चिंता का विषय हैं। राहुल ने कहा — “हमारे बेटे और भाई को निर्ममता से मारा गया। इस परिवार ने कोई अपराध नहीं किया, बल्कि इनके साथ अपराध हुआ है। इन्हें डराया जा रहा है, नजरबंद जैसा माहौल बनाया गया है। मुख्यमंत्री से मेरा निवेदन है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।”
“मुलाकात ज़रूरी नहीं, न्याय ज़रूरी है”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सरकार ने सुबह परिवार को उनसे न मिलने की चेतावनी दी थी, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता कि परिवार उनसे मिलता है या नहीं। राहुल गांधी ने कहा — “महत्वपूर्ण यह है कि ये लोग निर्दोष हैं। इन्हें अपराधी की तरह पेश करना अन्याय है। हमारा उद्देश्य केवल न्याय सुनिश्चित करना है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर स्तर पर परिवार की सहायता करने और न्याय के लिए संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक रंग से दूर रहना चाहता परिवार
दूसरी ओर, मृतक के भाई शिवम वाल्मीकि ने बयान जारी कर कहा कि वे सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं और किसी भी राजनीतिक दल की दखल नहीं चाहते। उनका कहना है कि सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और बहन को नौकरी भी मिल गई है। इसलिए अब वे इस घटना पर राजनीति नहीं चाहते।
कांग्रेस ने प्रशासन पर लगाया दबाव का आरोप
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विवेकानंद पाठक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि परिवार का इनकार प्रशासनिक दबाव का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने मिलकर परिवार को डराया, ताकि वे कांग्रेस नेताओं से न मिलें। विवेकानंद पाठक ने कहा, “किसी दुखी परिवार को मिलने से रोकना संवेदनहीनता की हद है। राहुल गांधी हर हाल में पीड़ितों से मिलकर उनका दर्द सुनेंगे।”
हरिओम की बहन को दी गई सरकारी नौकरी
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए मृतक की बहन कुसुम वाल्मीकि को फतेहपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स के तहत स्टाफ नर्स के पद पर नियुक्त किया है। प्रशासन ने सुबह ही नियुक्ति पत्र जारी करते हुए जानकारी साझा की।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से बढ़ा मामला
हरिओम की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद मामला राजनीतिक रूप से गरमा गया। वीडियो में साफ दिखा कि भीड़ ने हरिओम की कोई बात सुने बिना हमला किया। इसके बाद से विपक्षी दलों ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए, वहीं प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत एक्शन लिया और परिजनों को राहत देने की कोशिश की।


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