नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को लेकर ऐसा विवादित बयान जारी किया है जिसके बाद भाजपा उन पर निशाना साध रही है। रामगोपाल यादव ने कहा, मंदिर तो बेकार है, ऐसे मंदिर नहीं बनाए जाते हैं। उनके इस बयान से यूपी में सियासत पूरी तरह से गर्मा गई है।
रामगोपाल यादव ने कहा, ’वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं, पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से लेकर उत्तर तक देख लीजिए.. नक्शा ठीक नहीं बना है उसका वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।’
एसपी नेता के बयान की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखी आलोचना की है और कहा है कि यह सपा व कांग्रेस के साथ ’इंडी’ गठबंधन की संकुचित व वास्तविक सोच को प्रदर्शित करता है। एक निजी समाचार चैनल ने सपा नेता राम गोपाल यादव से पूछा कि वे (विपक्ष) अयोध्या में राम मंदिर में दर्शन के लिए क्यों नहीं गए, तो उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रतिदिन राम के दर्शन करते हैं।’’ जब उनसे अयोध्या मंदिर जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ’’वो मंदिर बेकार का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या मंदिर ऐसे ही बनाए जाते हैं? पुराने मंदिर देखें…वे इस तरह नहीं बनाए गए। दक्षिण से उत्तर के मंदिरों को देखें। मंदिर का नक्शा उचित नहीं है और ’वास्तु’ के अनुरूप नहीं है।’’
यादव के इस बयान पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि रामगोपाल यादव का बयान सपा व कांग्रेस के साथ ‘इंडी’ गठबंधन की वास्तविकता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा,’’यह लोग वोट बैंक के लिए न केवल भारत की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती दे रहे हैं। इतिहास गवाह है कि जिसने भी ईश्वरीय सत्ता को चुनौती दी है, उसकी दुर्गति हुई है।’’
उन्होंने कहा, ’’रामगोपाल यादव का बयान सनातन आस्था के साथ खिलवाड़, कोटि-कोटि राम भक्तों का अपमान है। जिन लोगों ने पूरा जीवन राम मंदिर के लिए समर्पित किया है, उनकी आस्था पर कुठाराघात है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज इसे कतई स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इनका बयान चिढ़ाने वाला है और यह तुष्टिकरण की नीति पर चलकर वोट बैंक को बचाए रखने की कवायद की जा रही है।
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस सम्मेलन में कहा कि, “कब्रिस्तान बनवाना अच्छा था, मंदिर बेकार है। इनके लिए वो उत्तर प्रदेश अच्छा था जो मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद अबू सलेम, और छोटा शकील के लिए जाना जाता था और आज वो यूपी इनके जमाने में अपराध को सैद्धांतिक स्वीकार्यता मिल गई थी… फिल्में क्या बनती थी यूपी में जिला लखनऊ सेंट्रल, गाजियाबाद, मिर्जापुर… यानि पूरी अपराध केंद्रित फिल्में बनती थी, ये अच्छा था… आज अयोध्या, कुशीनगर, काशी, प्रयाग यहां पर उभरता हुआ यूपी बेकार है। मैं प्रोफेसर रामगोपाल यादव से पूछना चाहूंगा कि सूर्यतिलक हुआ इतना शानदार और साइंटिफिक, वो बेकार था? एक लाख करोड़ का व्यापार तो उस समय हो गया जब मंदिर का उद्घाटन हुई। एयरपोर्ट बन गया अयोध्या में, वो बेकार था?“
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, “कांग्रेस और इंडी गठबंधन ये साफ करे कि अगर उनकी नजर में राम मंदिर बेकार है तो शाहबानो केस की तरह क्या वह अपनी सत्ता आने पर, जो आनी नहीं है वह राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने की तमन्ना रखते हैं? या कोई कानूनी पेंच निकालकर, जैसे 1949 में राम मंदिर में ताला लगवा दिया था, वैसे ही ताला लगवाना चाहते हैं?“
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