नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- हमारा कानून हमें एक जगह का ही मतदाता होने की इजाजत देता है। लेकिन दिल्ली में 70 प्रतिशत ऐसे मतदाता है जिनके दो जगह वोट हैं। जैसे-जैसे दिल्ली में मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे दिल्ली की सड़कों पर अजनबी से दिखने वाले रेहड़ी-पटड़ी वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें अधिकतर यूपी के एक विशेष समुदाय के लोग है जिन्होने दिल्ली में एकदम से डेरा डाल लिया है। अब सवाल उठता है कि कहीं ये वो फर्जी मतदाता तो नही जो यूपी और दिल्ली में दोनो जगह अपनी वोट बनवाये हुए है और अब यूपी के बाद दिल्ली में वोट डालने के लिए आ गये है। क्या दिल्ली में फर्जी मतदान की तैयारी चल रही है। दिल्ली पुलिस भी इन लोगों को जानबूझकर अनदेखा कर रही है। वही प्रशासन ने भी अभी तक ऐसे मतदाताओं का आंकड़ा जारी नही किया है जिनकी दो राज्यों में वोट हैं। हालांकि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डीएम लक्ष्य सिघंल ने फर्जी वोटिंग की बात को सिरे से नकार दिया है लेकिन अचानक बढ़ी रेहड़ी-पटड़ी वालों की बात से वो भी सहमत दिखाई दिये साथ ही उन्होने पूरे मामले में जांच कराने की बात भी कही है।
फर्जी मतदान की संभावना इसलिए भी बढ़ जाती है कि यूपी के शामली, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, बागपत, मेरठ में मतदान हो चुका है और दिल्ली में इन क्षेत्रों के लोगों की आबादी अच्छी खासी है। ऐसे में ये लोग पहले यूपी और अब दिल्ली में वोट डालने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि दिल्ली में हरियाणा, यूपी, बिहार, राजस्थान के लोगों के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोगों की भी काफी संख्या है लेकिन कुछ राज्यों के एक विशेष समुदाय के लोग वोटिंग के समय इधर से उधर पलायन करते है और दो जगहों पर मतदान करते हैं। पश्चिमी दिल्ली की सड़कों पर तो इन दिनों भारी संख्या में अजनबी लोग दिखाई दे रहे है। जो सड़कों पर रेहड़ी-पटड़ी लगाकर डंटे हुए है।
इस संबंध में दिल्ली पंचायत संघ के अध्यक्ष थान सिंह यादव ने बताया कि वैसे तो ये लोग अपना हिंदू नाम बताते है लेकिन जब इनसे सामान खरीदकर पेटीएम से पेमेंट करते है तो इनका नाम मुस्लिम निकलता है। तब इन पर शक की सुई उठती है। उनका कहना है कि अगर ये लोग इतने ही सच्चे है तो अपनी पहचान क्यों छिपाते है और गलत नाम बताकर क्या जाहिर करना चाहते है। उन्होने कहा कि अब दिल्ली में चुनाव का समय है और इनकी संख्या में अचानक बढ़ौतरी को लेकर अन्यायास ही एक शक पैदा करता है कि कहीं ये लोग फर्जी चुनाव प्रक्रिया से तो नही जुड़े हैं। उन्होने दिल्ली पुलिस व प्रशासन से इन लोगों की जांच की मांग की है।
आज दिल्ली के मूल निवासी दिल्ली में अल्पसंख्यक हो गए है और बाहर से आए लोग बहुसंख्यक हो गए है जिनमें अधिकांश के दो राज्यों में मतदाता पहचान पत्र बने हुए है और वो दिल्ली में भी व अपने गृहराज्य में भी वोट डालते है। हालांकि देश में कोई भी व्यक्ति एक ही जगह का वोटर हो सकता है और अगर उसकी दो जगह वोट है और दोनो जगह वह वोटिंग करता है तो यह अपराध है लेकिन फिर भी लोग यह मानने को तैयार नही है और थोड़े से लालच व नेताओं के बहकावें में आकर इस तरह का कार्य कर रहे हैं जो सरकारों तक को बदलने का कार्य करता है।
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