नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास घोटाले में फंसे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार को समर्थन देने वाले चंद्रबाबू नायडू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी राहत दी है। ईडी की जांच में नायडू को क्लीन चिट मिलने के बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस घोटाले के आरोपों के तहत नायडू को पहले 53 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था, लेकिन अब ईडी ने उन्हें पाक-साफ और ईमानदार नेता करार दिया है।
कौशल विकास घोटाला: क्या है मामला?
कौशल विकास घोटाले का मामला आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना था। इस योजना के तहत राज्य के युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए करोड़ों रुपये का फंड जारी किया गया था। लेकिन बाद में इस योजना में अनियमितताओं और फंड के दुरुपयोग के आरोप सामने आए, जिसमें 371 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही गई।
चंद्रबाबू नायडू, जो उस समय मुख्यमंत्री थे, पर इस घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे। इसके चलते उन्हें गिरफ्तार भी किया गया और 53 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि, नायडू ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया और इसे राजनीतिक साजिश बताया।
ईडी ने दी क्लीन चिट
अब, महीनों की जांच के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नायडू को इस घोटाले से मुक्त कर दिया है। ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्रबाबू नायडू का इस घोटाले में कोई सीधा हाथ नहीं है और वे किसी भी तरह से फंड के दुरुपयोग या घोटाले में शामिल नहीं थे। यह फैसला नायडू के लिए बड़ी राहत की बात है, क्योंकि इससे उनकी ईमानदारी और साख पर लगे सवालों का जवाब मिल गया है।
ईडी की जांच में पाया गया कि घोटाले के आरोपों में जो सबूत प्रस्तुत किए गए थे, वे पर्याप्त नहीं थे और नायडू को गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया था। इस रिपोर्ट के बाद नायडू का नाम घोटाले से पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है।
नायडू ने क्या कहा?
ईडी से क्लीन चिट मिलने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उन्हें पहले से ही पता था कि सत्य की जीत होगी। उन्होंने कहा, “मुझे न्याय प्रणाली और देश की एजेंसियों पर पूरा भरोसा था। मुझे गलत तरीके से फंसाया गया, लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है।” नायडू ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ यह साजिश राजनीतिक विरोधियों द्वारा रची गई थी ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
चंद्रबाबू नायडू को मिली इस क्लीन चिट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। उनके समर्थक इसे नायडू की ईमानदारी की जीत बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। कुछ विपक्षी नेताओं का कहना है कि नायडू को मोदी सरकार का समर्थन देने के कारण उन्हें यह राहत दी गई है। हालांकि, ईडी की रिपोर्ट ने नायडू को पूरी तरह से निर्दोष बताया है, जिससे उनकी राजनीतिक साख को फिर से मजबूती मिली है।
आगे का रास्ता
ईडी से मिली इस राहत के बाद चंद्रबाबू नायडू की राजनीति में वापसी और मजबूत हो सकती है। इस फैसले ने नायडू के समर्थकों को नई ऊर्जा दी है, और अब वे एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, उनके विरोधियों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि घोटाले के आरोपों के कारण नायडू की छवि को काफी नुकसान हुआ था।
इस क्लीन चिट से यह भी स्पष्ट हो गया है कि राजनीति में कई बार विरोधी पक्षों द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हो सकते हैं। नायडू के इस मामले में सच्चाई सामने आने के बाद यह देखा जाना बाकी है कि उनके विरोधी अब किस तरह से इस मामले का सामना करेंगे।
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