नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की फसल के क्रय-विक्रय को देखते हुए बड़ा फैसला किया है। इसके तहत अब किसानों की खरीफ फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई है। इससे किसनों को अपनी फसल बेचने में बड़ी राहत मिलेगी। साल 2022-23 के लिए खरीफ फसलों का डैच् बढ़ने से किसानों को अब नए दाम पर अपनी फसल की बिक्री करने का मौका मिलेगा और उनकी कमाई में इजाफा होगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि तिल के दाम में 523 रुपये की बढ़ोतरी होगी। मूंग पर प्रति क्विंटल 480 रुपये की बढ़ोतरी होगी। सूरजमुखी पर 358 रुपये प्रति क्विंटल है। मूंगफली पर 300 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। गौरतलब है कि 2014 से पहले 1-2 फसलों पर खरीद होती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद बाकी फसलों को भी इसमें जोड़ा गया और किसानों की आय भी बढ़ी है। गौरतलब है कि लगातार तीसरे साल सरकार ने खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है। कैबिनेट की बैठक में 17 खरीफ फसलों के नई डैच् को मंजूरी दी गई।
एमएसपी वह न्यूनतम समर्थन मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। फसलों की कीमतों में बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर नहीं पड़ता यानी भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो, लेकिन किसानों की एमएसपी त होती है। सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। खरीफ के अंतर्गत धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।


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