
अनीशा चौहान/- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार, 12 दिसंबर को कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगा दी। इसके बाद अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार संसद के इस सत्र में “वन नेशन वन इलेक्शन” बिल पेश कर सकती है।
बताया जा रहा है कि सबसे पहले यह बिल ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेजा जाएगा, जहां विभिन्न राजनीतिक दलों के सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद बिल को संसद में लाकर उस पर चर्चा होगी और फिर इसे पारित किया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले इस बात को रेखांकित किया था कि बार-बार चुनाव होने से देश का विकास प्रभावित हो रहा है और उन्होंने इस विचार को समर्थन दिया था।
रामनाथ कोविंद की कमेटी ने दी रिपोर्ट
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के साथ ही नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनावों की सिफारिश भी की गई थी। कमेटी ने सुझाव दिया था कि पहले चरण में लोकसभा के साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, जिसकी शुरुआत 2029 से होनी चाहिए, ताकि हर पांच साल में यह चुनाव एक साथ हों।
दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव करवाने का सुझाव दिया गया था। ये चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनावों के खत्म होने के 100 दिनों के भीतर कराए जाने चाहिए।
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