मेरी तमन्ना थी कि मैं कप्तान बनूं…टीम मेट के साथ खडे रहने की मिली सजा, युवराज ने खोले राज

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 20, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

मेरी तमन्ना थी कि मैं कप्तान बनूं…टीम मेट के साथ खडे रहने की मिली सजा, युवराज ने खोले राज

मानसी शर्मा /- मेरी तमन्ना थी कि मैं कप्तान बनूं….मुझे लगता था कि मैं कप्तान बनूंगा, लेकिन जब ग्रेग चैपल विवाद हुआ तो अपने टीम मेट के साथ खड़े रहने की मुझे सजा मिली, जिस वजह से मैं कप्तान नहीं बन सका, यह कहना रहा वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर युवराज सिंह का। उन्होंने यह खुलासा संजय मांजरेकर के साथ हुई बातचीत में किया।

महेन्द्र सिंह धोनी को टीम इंडिया की कप्तानी क्यों मिली? जबकि उस टीम में युवराज सिंह सीनियर थे, वहीं माही उनसे जूनियर थे। हालांकि उस भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी थे। युवराज सिंह के बजाय महेन्द्र सिंह धोनी को कप्तान क्यों बनाया गया? इस पर पूर्व वर्ल्ड कप क्रिकेटर युवराज सिंह ने बयान दिया है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर के साथ बातचीत में युवराज सिंह ने बताया कि माही को बतौर कप्तान क्यों चुना गया? युवी ने कहा कि ग्रेग चैपल विवाद के कारण वह टीम इंडिया के कप्तान नहीं बन सके।

अपने टीम मेट के साथ खड़े रहने की सजा मिली
युवराज सिंह ने कहा कि मैं अपने टीम मेट के साथ खड़ा था, जिसकी मुझे सजा मिली। इसके अलावा बीसीसीआई के कई अधिकारियों से तवज्जों नहीं मिली। हालांकि युवी ने साफ तौर पर कहा कि मुझे कप्तान नहीं बनने का कोई पछतावा नहीं है। मुझे लगता है कि मेरा स्टैंड क्लीयर था। अगर ऐसा फिर करना पड़ा तो मैं करूंगा, मैं खड़ा रहूंगा, मुझे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है।

कप्तान बनने की थी तमन्ना
संजय मांजरेकर ने युवराज सिंह से पूछा कि क्या आपकी ख्वाहिश नहीं थी कि टीम इंडिया का कप्तान बनें? इस सवाल के जवाब में युवराज सिंह ने कहा कि मेरी तमन्ना थी कि मैं कप्तान बनूं… मुझे लगता था कि मैं कप्तान बनूंगा, लेकिन जब ग्रेग चैपल विवाद हुआ, उस वक्त मेरे पास 2 विकल्प थे, ग्रेग चैपल का साथ दूं या अपने टीम मेट का… मैंने अपने टीम मेट का साथ दिया। लेकिन बीसीसीआई के कई अधिकारियों को मेरा फैसला पसंद नहीं आया। जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह मेरे अलावा बाकी किसी भी प्लेयर को कप्तान बना सकते हैं। ऐसा मैंने सुना… मुझे नहीं पता कि इन बातों में कितनी सच्चाई है।

माही को बनाया गया था कप्तान
युवराज सिंह ने कहा कि मुझे अचानक वाइस-कैप्टन से हटा दिया गया, उस वक्त वीरेन्द्र सहवाग टीम में नहीं थे। फिर माही को टी20 वर्ल्ड कप 2007 के लिए कप्तान बना दिया गया। मुझे लगता कि उस वक्त वो फैसला मेरे खिलाफ गया। लेकिन मुझे कोई पछतावा नहीं है। अगर आज फिर से हालात वैसे हो जाएं, तो मैं वहीं करूंगा, अपने टीम मेट के साथ फिर से खड़ा रहूंगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox