नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रशासन के दावों के बावजूद मानसून की पहली बरसात के साथ ही नजफगढ़ एक बार फिर पानी-पानी हो गया। नजफगढ़ फिरनी से लेकर नांगलोई रोड़, उत्तमनगर रोड़, गुरूग्राम रोड़, ढांसा रोड़ व झाड़ोदा रोड पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गये। वही निकासी व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो जाने के चलते कालोनियों व बाजारों में लोगों के घरों व दूकानों में पानी घुस गुस गया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि नजफगढ़ के जलभराव ने डीएमआरसी की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि बरसात से पहले निगम अधिकारी व दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत इस बार नजफगढ़ में जलभराव नहीं होने के दावे कर रहे थे लेकिन बरसात ने उनके दावों को भी पानी-पानी कर दिया।
नजफगढ़ में आये दिन धंस रही सड़कों का डर खत्म भी नही हुआ है कि नजफगढ़ का जलभराव का पुराना जिन्न एक बार फिर सामने आ गया है। जलभराव पर अभी तक होती राजनीति ने अब एक बार फिर जोर पकड़ लिया हैं। हालांकि इस बार नजफगढ़ विधायक व राजस्व मंत्री दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि इस बार नजफगढ़ में जलभराव नही होगा। उन्होने इसके लिए पुख्ता काम करवा दिया है। वहीं निगम अधिकारी भी नालों की सफाई को लेकर काफी संतुष्ट दिखाई दे रहे थे और कालोनियों व बाजार में जलभराव नही होने के दावे कर रहे थे। लेकिन फिर भी नजफगढ़ में पहली ही बरसात ने सभी की पोल खोलकर रख दी। हर तरफ गली हो या सड़क या फिर बाजार सभी जगह 2 से 3 फुट पानी जमा हो गया जो करीब 4 घंटे तक लोगों को पानी-पानी करता रहा। इतना ही नही कई जगह तो लोग दूकानों व घरों से पानी बाहर निकालते दिखाई दिये।
अब बात करें नजफगढ़ में निकासी योजना की तो अभी भी ऐसे नाले है तो बन तो गये लेकिन उनकी निकासी व्यवस्था कही नही जुड़ी है। जिनमे पपरावट रोड़, प्रेम नगर, गोपाल नगर, झाड़ौदा रोड़ के नाले व नजफगढ़ फिरनी सभी नाले निकासी नालों से नही जोडें़ गये है। जिसकारण पानी कहीं जा नही पाता और सड़कों पर ही भर जाता है। हालांकि पीडब्लयूडी व बाढ़ नियन्त्रण विभाग तथा जलविभाग की माने तो काम तो हो रहा है लेकिन नजफगढ़ झील में है जिसकारण इसकी निकासी व्यवस्था काफी जटील है। जो धीरे-धीरे काम करती है जिसकारण सड़कों पर पानी भरता है। वहीं भाजपा नेता हरेन्द्र सिंघल ने कई बार दिल्ली सरकार के खिलाफ डीएमआरसी के सैपवेल को खुलवाने के लिए प्रदर्शन् किया लेकिन अभी तक भी यह 5 लाख लीटर का सैंपवेल बंद पड़ा है और विधायक इस पर कुछ कहने को तैयार नही है।
नजफगढ़ निगम जोन के नव नियुक्त चेयरमैन सत्यपाल मलिक ने भी जलभराव के लिए मंत्री कैलाश गहलोत की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताया है। उन्होने कहा कि अगर मंत्री जी समय पर जलभराव से निपटने के कार्यों पर ध्यान देते तो आज लोगों को इस परेशानी से दो-चार नही होना पड़ता। हालांकि नजफगढ़ विधायक कैलाश गहलोत अभी भी दावा कर रहे है कि नजफगढ़ में अब दो धंटे से ज्यादा पानी खड़ा नही रहता। उन्होने सारे प्रबंध किये है। और जल्द ही डीएमआरसी का संपवेल भी काम करने लगेगा जिसके बाद जलभराव की समस्या ना के बराबर रह जायेगी। वहीं सड़क धंसने का मामला हो या फिर जलभराव का सभी पर डीएमआरसी नजदीक से नजर गड़ाये हुए है। क्योंकि नजफगढ़ को पहले ही झील माना गया है और नजफगढ़ में डीएमआरसी का प्रोजेक्ट अंडरग्राउंड है जिसकारण उसकी भी चिंता बढ़ी हुई है। ऊपर से सैंपवेल का शुरू ना होना भी डीएमआरसी की चिंता बढ़ा रहा है। हालांकि अधिकारी ऊपरी तौर पर कह रहे है कि उनका प्रोजेक्ट पूरी तरह से सुरक्षित है फिर भी अभी तक हुए हादसों से डीएमआरसी काफी परेशान हुई है।
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