
मानसी शर्मा /- मणिपुर के जिरिबाम जिले में उग्रवादियों ने शनिवार को एक गांव पर हमला कर दिया, जिससे हिंसा का एक नया दौर शुरू हो गया है। यह जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि तड़के करीब पांच बजे, उग्रवादियों ने बोरोबेकरा पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव को आधुनिक हथियारों से निशाना बनाया, जिसमें बमबारी भी शामिल थी।
इस हमले के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और स्थानीय पुलिस कर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी हुई। अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा जा रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। सुरक्षा बल बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य कर रहे हैं।
शांति समाधान की कोशिशें
बोरोबेकरा, जिरिबाम शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर, घने जंगलों से घिरा एक पर्वतीय क्षेत्र है। पिछले साल मई में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद इस क्षेत्र में कई हमले हो चुके हैं, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
मणिपुर पिछले एक साल से अधिक समय से हिंसा की चपेट में है। इस समस्या के समाधान के लिए संघर्षरत मैतई, कुकी, और नागा समुदायों के विधायकों के बीच नई दिल्ली में बातचीत के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 17 विधायक शामिल हुए। इनमें से 9 मैतई, 5 कुकी, और 3 नागा समुदाय के विधायक थे। यह बैठक हाल की हिंसा से कुछ ही दिन पहले हुई थी।
मौतों की संख्या और मांगें
यह पहली बार था जब इन तीन समुदायों के विधायकों की बैठक हुई, जो चार घंटे तक चली। हालांकि, बैठक का नतीजा स्पष्ट नहीं हो सका। पिछले साल मणिपुर में भड़की हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान गई थी। हाल में हुई बैठक में कुकी विधायकों ने फिर से मणिपुर के आदिवासी लोगों के लिए अलग प्रशासन या केंद्र शासित प्रदेश की मांग को दोहराया।
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