नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/इस्लामाबाद/शिव कुमार यादव/- दिवालिया होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान को अब सिर्फ आईएमएफ के लोन का ही सहारा दिखाई दे रहा है। लेकिन इसके लिए पाकिस्तानी अवाम को इसकी क्या कीमत चुकानी होगी इसका अंदाजा लगाना बड़ा कठिन है। या यूं कहे की मंहगाई से जूझ रही पाकिस्तानी अवाम को आईएमएफ के लोन के 170 अरब का टैक्स बम का भी अभी सामना करना होगा तो कोई गलत नही होगा। क्योंकि शहबाज सरकार ने आईएमएफ से लोन लेने के लिए उसकी सारी शर्तें मान ली है और अब सरकार टैक्स बढ़ाने जा रही है।
अब पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने नागरिकों पर महंगाई का बम फोड़ने की तैयारी कर रही है। ये जानकारी खुद वित्त मंत्री इशाक डार ने दी है। इशाक डार ने बताया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2 अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए जनता पर बड़ा टैक्स लगाया जाएगा।
पाकिस्तान में आटा नहीं मिल रहा है। पेट्रोल और डीजल की किल्लत भी है। बिजली लगातार लंबे समय तक कट रही है। कुल मिलाकर आम पाकिस्तानी का जीना दुश्वार हो गया है। ऐसी हालत में अब पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने नागरिकों पर महंगाई का बम फोड़ने की तैयारी कर रही है। ये जानकारी खुद वित्त मंत्री इशाक डार ने दी है। इशाक डार ने बताया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2 अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए जनता पर बड़ा टैक्स लगाया जाएगा। डार ने बताया है कि इसके लिए जल्दी ही वो संसद में मिनी बजट पेश करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि अब पाकिस्तान सरकार को 170 अरब रुपए के नए टैक्स लगाने पड़ेंगे।
170 अरब रुपए के नए टैक्स लगने का मतलब साफ है कि पाकिस्तान की महंगाई से त्रस्त जनता के लिए चीजें और महंगी हो जाएंगी। अभी आटा बहुत महंगा है। पेट्रोल और डीजल की एक लीटर की कीमत 250 रुपए से ज्यादा है। नए टैक्स से बिजली के बिल समेत जरूरी चीजों की कीमत में भारी बढ़ोतरी होने के आसार हैं। शुक्रवार को ही आईएमएफ ने ये कहते हुए पाकिस्तान को फिलहाल 2 अरब डॉलर का कर्ज देने से इनकार कर दिया था कि उसे अपनी आय बढ़ानी होगी और खर्च कम करना होगा।
पाकिस्तानी वित्त मंत्री इशाक डार ने मिनी बजट लाकर टैक्स बढ़ाने की बात के साथ ये भी दावा किया है कि आईएमएफ से बातचीत टूटी नहीं है। उनका कहना है कि आईएमएफ ने कर्ज देने के लिए शर्तें रखी हैं। इससे पहले खबर थी कि आईएमएफ के दल ने पाकिस्तान की सरकार को बिजली का बिल भी प्रति यूनिट 12 रुपए बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन सरकार इस पर राजी नहीं थी। पाकिस्तान के पास अभी विदेशी मुद्रा भंडार में 3 अरब डॉलर ही बचे हैं। इससे वो 15 दिन तक आयात कर सकता है। अगर आईएमएफ से कर्ज न मिला, तो पाकिस्तान दिवालिया हो जाएगा। उसके दोस्तों चीन, सऊदी अरब और यूएई ने भी शहबाज शरीफ के दौरों के बावजूद नए कर्ज फिलहाल नहीं दिए हैं।
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