भारत-पाकिस्तान के नेताओं की गिरफ्तारी में भेदभाव कर रहा अमेरिका

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October 17, 2024

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भारत-पाकिस्तान के नेताओं की गिरफ्तारी में भेदभाव कर रहा अमेरिका

-सीएम केजरीवाल पर दे रहा बार-बार बयान, पीएम इमरान पर साध रखी है चुप्पी -पत्रकार वार्ता में भारत-पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर पूछे गये सवाल

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से गुरूवार को एक प्रेसवार्ता में भारत-पाकिस्तान को लेकर पत्रकारों ने सवाल-जवाब किये। प्रेसवार्ता में जब भारत व पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर किए जा रहे भेदभाव के बारें में मैथ्यू मिलर से सवाल किया गया तो उन्होने कहा कि हम पाकिस्तान में मानवाधिकार को सुरक्षित देखना चाहते है। दोनो देशों के प्रति हमारे रवैये में कोई अंतर नही है।

बता दें कि अमेरिका ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर दो बार कहा कि अमेरिका केजरीवाल की गिरफ्तारी में निष्पक्ष, पारदर्शी समय पर कानूनी कार्यवाही की मांग करता है। जबकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री लंबे समय से जेल में है जिस पर अमेरिका ने चुप्पी साध रखी। भारत-पाकिस्तान को लेकर समान रवैये की दुहाई देने वाला अमेरिका फिर केजरीवाल व इमरान में भेदभाव क्यों कर रहा है।
        अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर अरविंद केजरीवाल, खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर बयान दे रहे थे। तब उनसे पाक पर सवाल किया गया। उनसे सवाल किया कि विदेश विभाग भारतीय विपक्षी नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर तो अपना रुख लगातार दे रहा है, परंतु पाकिस्तान पर चुप क्यों है ?  
          मैथ्यू मिलर सवाल सुनकर चौक गए। उन्होंने इसी के साथ सवाल का जवाब देते हुए कन्नी काटने की कोशिश की। मिलर ने कहा, दोनों मामलों को एक रूप में नहीं देखा जा सकता। मैं उस चरित्र-चित्रण से सहमत नहीं हूं। हमने कई मौकों पर इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान में भी कानून और मानवधिकारों का सम्मान किया जाए।

अमेरिकी ने कहा था- केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हमारी नजर
25 मार्च को अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था- हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर नजर बनाए हुए है। हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होगी। इस दौरान कानून और लोकतंत्र के मूल्यों का पालन किया जाएगा।

जर्मनी ने भी कहा था- लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाए
23 मार्च को जर्मनी ने कहा था, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है। केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा। केजरीवाल को बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी। जब तक दोष साबित न हो तब तक किसी भी शख्स को निर्दोष मानने के कानूनी सिद्धांत का पालन होना चाहिए।“
           जर्मनी के बयान पर भारत ने उनकी ऐंबैसी के डिप्टी हेड को तलब किया था। कहा था, “जर्मनी भारत के आतंरिक मामलों में दखलंदाजी न करे। हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं, इस तरह के बयान हमारे न्यायालय की निष्पक्षता और आजादी पर सवाल खड़े करते हैं। भारत एक ताकतवर लोकतंत्र है, जहां कानून का पालन होता है। दूसरे मामलों की तरह इस मामले (केजरीवाल की गिरफ्तारी) में भी कानून के तहत कार्रवाई होगी।“

अमेरिकी डिप्लोमैट को भी तलब किया था
दिल्ली ब्ड अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका के बयान के एक दिन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया था। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के बयान का विरोध भी किया। कहा, “भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे।“

शराब नीति मामले में हुई केजरीवाल की गिरफ्तारी
शराब नीति मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। वे 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं। केजरीवाल ईडी कस्टडी से सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में पेशी के समय कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलाएंगे।

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