टोकियो/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के कारण बने अनिश्चितता को पाटने के लिए पीएम मोदी ने जापान में जाकर ट्रंप के टैरिफ का इलाज ढूंढ लिया है। हालांकि अमेरिकी टैरिफ के कारण वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल मची हुई है लेकिन भारत ने जापान के साथ मिलकर कई घोषणाऐं करते हुए अगले 10 साल का रोडमैप पेश कर दिया है। मोदी और शिगेरु इशिबा के शुक्रवार को अगले एक दशक के लिए भारत-जापान का संयुक्त विजन पेश किया। इसका उद्देश्य व्यापार, निवेश, एआई, ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, मानव संसाधन और रक्षा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देना है। जापान से भारत में 10 वर्षों में 67 बिलियन डॉलर का निजी निवेश होगा। आर्थिक सुरक्षा पहल में सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिज, दवा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

भारत नवंबर में करेगा शिखर सम्मेलन की मेजबानी
वहीं दोनों देशों ने 2008 की सुरक्षा घोषणा को अपडेट किया है। इसका उद्देश्य चीन के आक्रामक रवैये के सामने इंडो-पैसिफिक को सुरक्षित रखना है। दोनों नेताओं ने क्वाड साझेदारी को मजबूत करने की बात कही। भारत नवंबर में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

क्या है अगले 10 सालों का रोडमैप
भारत-जापान ने अगले एक दशक के लिए आठ प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को लेकर संयुक्त विजन पेश किया है, जिसमें आर्थिक सुरक्षा और गतिशीलता भी शामिल है। भारत-जापान ने सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी कर समकालीन सुरक्षा चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया है।
-भारत और जापान ने टैलेंट मोबिलिटी के लिए एक एक्शन प्लान की घोषणा की. इससे पांच वर्षों में 5,00,000 से अधिक लोगों का आदान-प्रदान होगा।
-डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 पर दोनों देशों के बीच एमओयू किया गया साइन।
-दुर्लभ खनिज संसाधन क्षेत्र में सहयोग पर सहमति, ताकि महत्त्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई चेन मजबूत हो।
-पर्यावरण सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर।

जापान-भारत के बीच अन्य अहम समझौते
-जापान अगले दशक में भारत में 10 ट्रिलियन येन (67 अरब डॉलर) का निजी निवेश करेगा।
-आर्थिक सुरक्षा पहल की शुरुआत, सेमीकंडक्टर, महत्त्वपूर्ण खनिज और उभरती तकनीकों पर फोकस।
-भारत-जापान एआई सहयोग पहल का शुभारंभ।
-नेक्स्ट-जनरेशन मोबिलिटी पार्टनरशिप की शुरुआत।
-भारत-जापान एसएमई फोरम लॉन्च।
-ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सस्टेनेबल फ्यूल इनिशिएटिव का शुभारंभ।
-भारतीय राज्यों और जापानी प्रांतों के बीच उच्च-स्तरीय संवाद को प्रोत्साहन।

साइबर सुरक्षा पर भी लिया गया फैसला
दोनों पक्षों ने आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर चिंता जताई है। पीएम मोदी ने कहा कहा, रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में भी हमारी साझा रुचि है। हमने रक्षा उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में अपने सहयोग को और मजबूत करने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत और जापान की साझेदारी आपसी विश्वास पर आधारित है। यह राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को दर्शाती है और साझा मूल्यों और मान्यताओं से आकार लेती है।


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