
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- अमेरिका और NATO द्वारा रूस से व्यापार करने वाले देशों को टैरिफ और सेकेंडरी सेक्शन की धमकी पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के लिए किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
“प्रेशर झेलने के लिए हमारे नेता नहीं बने” – हरदीप पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने न्यूज पोर्टल फर्स्ट पोस्ट से बातचीत में कहा कि NATO प्रमुख मार्क रूटे और अमेरिका की धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, हमारे बॉस (प्रधानमंत्री) का दिमाग किसी भी तरह के प्रेशर को महसूस करने के लिए बना ही नहीं है। और उन्हें ताकत इसी निडरता से मिलती है। पुरी ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी तेल और गैस जरूरतों के लिए सिर्फ रूस पर निर्भर नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत अलग-अलग देशों से तेल आयात करता है और किसी एक देश पर निर्भर रहना उसकी नीति नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत एक तिमाही में जितना तेल रूस से लेता है, यूरोपीय देश उतना तेल आधे दिन में खरीद लेते हैं। ऐसे में NATO की धमकियों का कोई औचित्य नहीं बनता।”
“भारत ऊर्जा के मसले पर आत्मनिर्भर फैसले लेता है” – विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी NATO प्रमुख के बयान को खारिज करते हुए कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार की स्थिति को देखते हुए भारत व्यापारिक फैसले लेता है और यह पूरी तरह से स्वतंत्र निर्णय होते हैं।
उन्होंने कहा, रूस से व्यापार करने वाले देशों को 100% सेकेंडरी टैरिफ की धमकी दोहरे मापदंड को दर्शाती है। भारत न तो किसी के दबाव में है और न ही रहेगा। जायसवाल ने दोहराया कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है और किसी भी बाहरी शक्ति के दबाव में आकर अपने निर्णयों से पीछे नहीं हटेगा।
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