
पटना/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- लोकसभा चुनावों को लेकर एनडीए में मंथन जारी है हालांकि कुछ राज्यों में सहयोगी पार्टियों से तालमेल की बात पूरी हो चुकी है लेकिन बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर अभी तक कोई फैसला नही हो पाया है। क्योंकि बिहार में एनडीए में भाजपा को मिलाकर कुल 6 पार्टियां है। नीतीश की जेडीयू के एनडीए में शामिल होने पर सीट बंटवारें का काम और भी मुश्किल हो गया है। वहीं पशुपति पारस व चिराग पासवान में हाजीपुर सीट को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। दोनों चाचा-भतीजा हाजीपुर सीट पर अपना दावा जता कर इसे अपने स्वाभिमान से जोड़ रहे हैं।

बता दें कि हाजीपुर सीट से पशुपति पारस वर्तमान में सांसद है लेकिन चिराग पासवान इसे अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान की कर्मभूमि बताकर इस पर अपना दावा ठोक रहे हैं। दोनो ही किसी भी कीमत पर इस सीट को छोड़ने को तैयार नही है लेकिन अब भाजपा चाचा-भतीजा को एकजुट करने में जुट गई है और दोनों के सामने सीट शेयरिंग को लेकर अपना प्रस्ताव रखा है। वहीं सूत्रों की माने तो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े के साथ पशुपति पारस ने मुलाकात कर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। बताया यह भी जा रहा है कि विनोद तावड़े पशुपति पारस व चिराग पासवान से एक हो जाने की सलाह दी है ताकि आपस में सुलह हो सके। हालांकि एनडीए में पशुपति पारस व चिराग पासवान को लेकर कोई विरोध नही है जिसके आधार पर भाजपा ने दोनो के सामने यह प्रस्ताव रखा है।

इस मसले पर पशुपति पारस की माने तो दोनो का एक होना बहुत मुश्किल लग रहा है क्योंकि पशुपति पारस ने चिराग पासवान को लेकर कहा था कि उसके साथ अब पार्टी, दिल और परिवार नही मिल सकते लेकिन राजनीति में ऐसी कोई भी बात मायने नही रखती है क्योंकि कुछ समय पहले तक जेडीयू और भाजपा में भी कुछ इसी तरह की बाते कही जा रही थी लेकिन फिर भी दोनो एक हो गये। वहीं भाजपा को लेकर चिराग पासवान की नाराजगी कई बार सामने आ चुकी है। तो अब देखना यह है कि भाजपा इस मसले का हल कैसे निकालती है। वैसे भी मंगलवार को बिहार को लेकर दिल्ली में एनडीए की बैठक है।

चिराग पासवान ने जेडीयू के फिर से एनडीए में शामिल होने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसी नाराजगी के चलते बिहार में पीएम की रैलियों में भी चिराग पासवान नजर नही आये थे। वहीं वैशाली की रैली में उन्होने कहा था कि उनका गठबंधन सिर्फ बिहार की जनता से है। अब देखना यह है कि भाजपा बिहार में एनडीए के सभी घटक दलों के सीट शेयरिंग को लेकर कैसे खुश कर पाती है।
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