मानसी शर्मा /- बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में भारत के साथ संबंधों को सुधारने की जरूरत पर जोर दिया है। एक इंटरव्यू में, यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश के पास भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने भारत के साथ रिश्ते सुधारने की आवश्यकता को रेखांकित किया, यह बताते हुए कि दोनों देशों के बीच एक साझा इतिहास और समानताएं हैं जो बेहतर संबंधों की मांग करती हैं।
बता दें कि, अगस्त 2023में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए और प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा। शेख हसीना ने भारत में शरण ली, जिसके बाद बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में तनाव उत्पन्न हुआ। इस घटना के बाद, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है और उनकी वापसी की मांग की जा रही है।
भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान पर फोकस
प्रोफेसर यूनुस ने भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने पर भी जोर दिया है। उन्होंने जल बंटवारे और सीमा पार आवाजाही के मुद्दों का समाधान खोजने के लिए भारत के साथ सहयोग की बात की। उनका कहना है कि इन समस्याओं का समाधान अंतरराष्ट्रीय तरीकों से किया जाएगा और उनका प्रशासन इस दिशा में काम कर रहा है।
शेख हसीना पर लगाए गंभीर आरोप
प्रोफेसर यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि हसीना ने बांग्लादेश की सरकारी संस्थाओं को बर्बाद कर दिया और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाया। कोविड-19महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बांग्लादेश की 450अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है। यूनुस ने आरोप लगाया कि हसीना के कार्यकाल में सरकारी चैनलों और अन्य स्रोतों से पैसे निकाले गए और समझौते निजी लाभ के लिए किए गए।
IMF से अतिरिक्त सहायता पैकेज की मांग
बांग्लादेश ने पिछले साल IMF से 4.7अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज प्राप्त किया था। अब, यूनुस की अंतरिम सरकार IMF से 5अरब डॉलर की अतिरिक्त सहायता की मांग कर रही है, ताकि विदेशी मुद्रा भंडार की कमी को पूरा किया जा सके।
भविष्य के चुनावों पर प्रोफेसर यूनुस की टिप्पणियाँ
प्रोफेसर यूनुस ने बांग्लादेश में आगामी चुनावों पर भी चर्चा की, हालांकि चुनाव की तारीख की पुष्टि नहीं की। उन्होंने कहा कि चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएंगे और उनका प्रशासन एक पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना चाहता है। यूनुस ने बांग्लादेश के संविधान में संशोधन के संकेत भी दिए और कहा कि यह प्रक्रिया जनता की सहमति के बिना आगे नहीं बढ़ेगी। उनके अनुसार, संविधान के मुख्य मुद्दों पर फोकस किया जाएगा और जनता की सहमति प्राप्त करने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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