रूस/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- प्रधानमंत्री मोदी इस वक्त दो दिवसीय रूस के दौरे पर हैं। पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर मॉस्को पहुंचे हैं। ये यात्रा इसलिए भी अहम है क्योंकि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यह भारतीय प्रधानमंत्री की रूस की पहली यात्रा है। इसी के मद्देनजर पीएम मोदी ने रूसी सेना में काम कर रहे भारतीयों की स्वदेश वापसी का मुद्दा रूस के राष्ट्रपति के सामने उठाया जिस पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि जल्द ही भारतीयों की देश वापसी होगी।
दरअसल, एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किया जा रहा और यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि भारतीयों को धोखे से सुरक्षा सहायक के रूप में काम करने के लिए सीमा पर भेजा रहा।
18 भारतीय सीमा पर फंसे
द हिंदू के रिपोर्ट के अनुसार, एक एजेंट ने जानकारी दी कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं। जिसमें एक शख्स की मौत भी हो गई है। इस युद्ध में उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से भी कई युवक फंसे हुए हैं। इसमें हैदराबाद का भी एक युवक फंस गया था जिसके बाद युवक ने सोशल मीडिया के माध्यम से भारत सरकार से मदद मांगी थी। फिर पीड़ित परिवार ने AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया था। जिसको लेकर ओवैसी ने 25 जनवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर और मॉस्को में भारतीय दूतावास को पत्र था।
रूस दौरे से पहले पीएम मोदी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “मैं अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करने के लिए उत्सुक हूं।” सहायक भूमिका निभाना चाहता हूं।”
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