नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तियानजिन में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता की। करीब एक घंटे तक चली इस बातचीत में सीमा मुद्दों, कैलाश मानसरोवर यात्रा, व्यापारिक संबंधों और आपसी सहयोग को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय हुई जब वैश्विक स्तर पर अमेरिकी टैरिफ के फैसले को लेकर असमंजस का माहौल बना हुआ है। यही वजह थी कि दुनिया की नज़रें इस संवाद पर टिकी थीं। दोनों नेताओं के बीच लगभग दस महीने बाद मुलाकात हुई है। पिछली बार अक्तूबर 2024 में रूस के कजान शहर में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान इनकी बातचीत हुई थी।

सीमा पर शांति और स्थिरता
प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता के दौरान कहा कि पिछले वर्ष कजान में हुई उपयोगी चर्चा से भारत-चीन रिश्तों को सकारात्मक दिशा मिली। सीमा से सैनिकों की वापसी के बाद अब एक स्थिर और शांतिपूर्ण वातावरण बना है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ानों की बहाली
पीएम मोदी ने जानकारी दी कि विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत के बाद सीमा प्रबंधन पर सहमति बनी है। इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः आरंभ कर दिया गया है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू होने जा रही हैं। मोदी ने कहा कि भारत और चीन का सहयोग 2.8 अरब लोगों की भलाई से जुड़ा है और यह पूरी मानवता के हित में भी होगा।
विश्वास और सम्मान पर आधारित संबंध
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने चीन आने के निमंत्रण और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सफल अध्यक्षता के लिए शी जिनपिंग को धन्यवाद भी दिया।


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