नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली सरकार के गेस्ट टीचर स्थायी नौकरी की मांग को लेकर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना दे रहे हैं। उनका साथ देने के लिए पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी धरने में शामिल होकर उनकी मांगों का समर्थन किया। सिद्धू ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर दिल्ली शिक्षा मॉडल और केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला। सिद्धू के इस कदम को आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा कि यहां 22,000 गेस्ट टीचर मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने पिछले महीने पंजाब के मोहाली में कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए केजरीवाल की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि पंजाब में लोगों को लुभाने के लिए आने से पहले आपको पहले अपने राज्य के मुद्दों को सुलझाना चाहिए।
सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ’’’आप’ ने संविदा शिक्षकों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन देने का वादा किया था, लेकिन गेस्ट टीचरों के होने से स्थिति और खराब हो गई। स्कूल प्रबंधन समितियों (ैडब्) के माध्यम से, तथाकथित ’आप’ वॉलंटियर्स सरकारी फंड से सालाना 5 लाख कमाते हैं, जो पहले स्कूल के विकास के लिए थे!
दिल्ली शिक्षा मॉडल कॉन्ट्रैक्ट मॉडल है… दिल्ली सरकार में 1031 स्कूल हैं, जबकि केवल 196 स्कूलों में प्रधानाध्यापक हैं… 45 फिसदी शिक्षकों के पद खाली हैं और 22,000 गेस्ट टीचर्स द्वारा डेली वेजिस पर स्कूल चलाए जा रहे हैं, हर 15 दिनों में कॉन्ट्रैक्ट के रिन्यूवल के साथ!! सिद्धू ने कहा कि अपने 2015 के घोषणापत्र में ’आप’ ने दिल्ली में 8 लाख नई नौकरियों और 20 नए कॉलेजों का वादा किया था, नौकरियां और कॉलेज कहां हैं? ’आप’ ने दिल्ली में सिर्फ 440 नौकरियां दी हैं। आपकी असफल गारंटियों के उलट दिल्ली की बेरोजगारी दर पिछले 5 सालों में लगभग 5 गुना बढ़ गई है!!
2015 में दिल्ली में शिक्षकों के 12,515 पद खाली थे, लेकिन 2021 में दिल्ली में शिक्षकों की 19,907 पद रिक्त हैं, जबकि ’आप’ सरकार गेस्ट लेक्चरर्स के माध्यम से रिक्त पदों को भर रही है !!
बता दें कि 27 नवंबर को, केजरीवाल पंजाब के मोहाली में कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे, जो कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स की सेवाओं को नियमित करने सहित कई मांगों को लेकर दबाव बना रहे हैं। केजरीवाल ने शिक्षकों के लिए तबादला नीति लागू करने का भी वादा किया था और पार्टी के सत्ता में आने पर उन्हें कैशलेस मेडिकल सुविधा का भी आश्वासन दिया था। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया। आम आदमी पार्टी 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। शिरोमणि अकाली दल (ै।क्) केवल 15 सीटें जीतने में सफल रहा, जबकि भाजपा को 3 सीटें मिलीं।
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