• DENTOTO
  • निजी एवं गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में फीस बढ़ाने के मामले पर एचसी का बड़ा फैसला

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 23, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    निजी एवं गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में फीस बढ़ाने के मामले पर एचसी का बड़ा फैसला

    -दिल्ली हाईकोर्ट ने डीईओं के आदेश पर लगाई रोक, सरकार को 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली हाई कोर्ट ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की फीस बढ़ाने के मामले पर एक बड़ा फैसला लिया है। अदालत ने शिक्षा निदेशालय  के आदेश पर रोक लगा दी है।

            दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूल और गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने के लिए उसकी पूर्व अनुमति लेने के शिक्षा निदेशालय के आदेश पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर ’एक्शन कमेटी अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल’ की याचिका पर डीईओ को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि डीओई का फैसला आपत्तिजनक है और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। प्राइवेट स्कूलों की ओर से दायर याचिका में 27 मार्च के आदेश को भी चुनौती दी गई है।
             हाई कोर्ट ने इस मामले में  सुनवाई के दौरान कहा कि जवाबी हलफनामा चार हफ्ते के अंदर दाखिल किया जाए। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सुनवाई की अगली तारीख तक डीओई के 27 मार्च, 2024 के विवादित परिपत्र के क्रियान्वयन पर रोक होगी।

    शिक्षा निदेशालय के आदेश में कही गई ये बात
    शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में कहा था कि यदि स्कूल की ओर से कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो फीस में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। इस संबंध में किसी भी शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। स्कूल कार्रवाई के लिए जवाबदेह होगा। 29  अप्रैल को पारित आदेश में हाई कोर्ट ने कहा कि जैसा कि पूर्व के न्यायिक निर्णयों में कहा गया था, एक गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने से पहले डीओई की पूर्व मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है।

    मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी
    अदालत की ओर से कहा गया है कि मैं इस स्तर पर कुछ हद अप्रिय टिप्पणी करने के लिए बाध्य हूं। सिद्धांत यह कहता है कि निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने से पहले पूर्व मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है, जब तक वे कैपिटेशन फीस लेकर मुनाफाखोरी या शिक्षा के व्यावसायीकरण में शामिल नहीं होते हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox