
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/ – यमुना की सहायक साहिबी नदी, अब नजफगढ़ नाले के नाम से जानी जाती है। उसकी दुर्दशा दूर करने के लिए पालम 360 के तत्वावधान में खापों की बैठक आयोजित हुई। पीरागढ़ी गांव में खाप की बैठक में कहा गया कि यदि नजफगढ़ नाले को साफ कर साहिबी नदी के रूप में इसे इसकी असली पहचान मिले तो न सिर्फ इस नदी का, बल्कि इसके किनारे बसे गांवों में खेतीबाड़ी का भी भला होगा।

पालम 360 के प्रधान चौ सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि आज नजफगढ़ नाले के किनारे बसे गांवों में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए साफ पानी नहीं मिल पाता है। कई जगह अवजल शोधन संयंत्र के शोधित पानी का स्तर इतना खराब होता है कि इसका इस्तेमाल सिंचाई के लिए नहीं किया जा सकता है। बेहतर होता कि नजफगढ़ नाले को साफ कर इसमें स्वच्छ बरसाती पानी का बहाव कर इसे जीवंत किया जाता। ऐसा कर सब्जी की खेती करने वाले किसानों की सिंचाई से जुड़ी जरूरत भी पूरी होती। इस नाले में वर्षा के अलावा अवजल शोधन संयंत्र का पानी भी बहाया जाता। पानी की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता, ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल सिंचाई में किया जा सके।
यदि इस मसले पर सरकार कुछ नहीं करती है तो, मजबूरी में ग्रामीणों को आंदोलन करना पड़ेगा। बैठक में मौजूद रहने वालों में चौ. धारा सिंह प्रधान बवाना 52. चौ नरेश प्रधान लाडो सराय 96. राव त्रिभुवन सिंह प्रधान सुरेहडा 18. सुरेश शौकीन नांगलोई 9, ची राजेंद्र प्रधान खेड़ा मान 8. चौ राजपाल प्रधान पल्ला 12, यशपाल जस्सा प्रधान तिहाड़ 28, नरेश बख्तावरपुर 12, बिजेंद्र पहलवान, रोहतास शोकीन, चौ कंवर सिंह प्रधान पोचनपुर व मास्टर न्यादर कौर मौजूद रहे।
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