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    नए साल पर इस्कॉन द्वारका में भगवान कृष्ण को लगेंगे 2025 भोग

    -छोटे-बड़े नए संकल्पों के साथ होगा नए साल का शुभारंभ -रंग-बिरंगे फूलों से होगा भगवान का पुष्प अभिषेक -फूड कार्निवाल में होंगे अनेक किस्म के पारंपरिक पकवान

    द्वारका/शिव कुमार यादव/- बीते साल को बॉय-बॉय करता नया साल 2025, नए जोश और नई उमंग के साथ समय की दहलीज पर दस्तक दे रहा है। मुस्कराते चेहरों पर यह  उल्लास चारों ओर देखने को मिल रहा है। पूरी दुनिया में लोग नए साल 2025 के स्वागत की तैयारियों में व्यस्त हैं। इस अवसर पर श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर इस्कॉन द्वारका दिल्ली में भी कुछ ऐसी ही तैयारियाँ आरंभ हो गई हैं। 31 दिसंबर व 1 जनवरी को पूरे दिन नए साल के उत्सव में कहीं बच्चों के लिए आर्ट वर्कशॉप आयोजित की जाएँगी तो कहीं फूड कार्निवाल में हर राज्य के विविध स्वादिष्ट मीठे व नमकीन व्यंजनों की खुशबू आकर्षण का केंद्र रहेगी।

    31 दिसंबर को ‘कृष्णा इज माई बेस्ट फ्रेंड’ थीम पर सीबीएसएम हॉल में प्रातः 9.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक बच्चों की एक वर्कशॉप आयोजित की जाएगी, जिसे मायापुर से खासतौर पर आईं गौरांगी गंधर्विका माता जी संचालित करेंगी। बच्चे कृष्णा की माखन मटकी को भी आकर्षक रंगों से सजाएँगे। बच्चों द्वारा गीता के श्लोकों का पाठ किया जाएगा। हरि नाम का शुद्ध उच्चारण एवं भगवान कृष्ण से जुड़ी विभिन्न कहानियों को बच्चों की प्रस्तुतियों में शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पूरा दिन भगवान के विशेष दर्शन व आरती की जाएगी। शाम को महाआरती के बाद कीर्तन मेला में मायापुर से आए प्रसिद्ध कीर्तनियोंकृ विमल चैतन्य दास आदि के द्वारा हरि नाम संकीर्तन किया जाएगा। नव वर्ष के स्वागत में यह कीर्तन मेला रात को लगभग 1 बजे तक चलेगा।

    1 जनवरी को भी प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कीर्तन मेला का आयोजन किया जाएगा। कीर्तन मेला के इस सत्र में इसी कीर्तन मंडली की प्रस्तुति शामिल रहेगी। शाम 6 बजे श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश का रंग-बिरंगे पुष्पों से महा अभिषेक किया जाएगा और तत्पश्चात 2025 व्यंजनों को भोग भगवान को अर्पित किया जाएगा। भोग के साथ अनेक प्रकार के केक भी शामिल रहेंगे। भोग के व्यंजनों में अनेक प्रकार के पारंपरिक पकवान जैसेदृ दम आलू बेड़मी पूरी, पनीर पराठा, दाल कचौड़ी, मट्ठी-नमकपारे, पनीर-पकौड़े,  मूँगफली-मखाना, काजू नमकीन के अलावा सब्जियों मेंदृआलू मेथी, पालक पनीर, मटर-पनीर, मलाई कोफ्ता, दम आलू आदि के अलावा मीठे में गाजर का हलवा, मूँग दाल का हलवा, चमचम, रसगुल्ले, गुलाबजामुन, रसमलाई, रबड़ी-खोया, केसर जलेबी, इमरती, पिस्ता बरफी, बालूशाई, बूँदी एवं बेसन के लड्डू आदि का नाम उल्लेखनीय हैं।

    1 जनवरी को प्रातःकालीन भागवतम कक्षा में नव वर्ष से संबंधित व्याख्यान होगा। लोग भगवान के दर्शन के साथ-साथ भगवान के समक्ष अपने-अपने संकल्प लेंगे। कुछ चीजों को पुराने साल में छोड़ेंगे और नए साल में अच्छी बातों को अपनाएँगे। इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद कहते थे किकृ यूँ तो हमारे लिए, हर दिन नया साल है। कृष्ण तो हर रोज नए दिखाई पड़ते हैं। हरि नाम का जप कर हमें रोज इसे उत्सव की तरह मनाना चाहिए। एक भक्त के लिए कृष्ण को याद करने की यह अचूक विधि है।
    तो आप भी नए साल में प्रतिदिन मंदिर जाने और कृष्ण के दर्शन का संकल्प ले सकते हैं। हरि नाम जप करने का संकल्प ले सकते हैं और भगवद्गीता पढ़ने का भी संकल्प ले सकते हैं।

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