महाराष्ट्र/धुले/अनीशा चौहान/- महाराष्ट्र के धुले जिले के बलदे गाँव में इंसानियत और करुणा की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली। गाँव में आवारा कुत्तों के हमले में मारे गए एक बंदर को ग्रामीणों ने मानवीय गरिमा के साथ अंतिम विदाई दी। न केवल उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया गया, बल्कि ग्रामीणों ने पूरे गाँव में पाँच दिन का शोक भी मनाया।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान गाँव वालों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और बंदर के लिए दशक्रिया विधि का आयोजन भी किया। इसके बाद सामूहिक भोज का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। इस आयोजन ने यह साबित किया कि गाँववाले न केवल इंसानों बल्कि पशु-पक्षियों के प्रति भी संवेदनशीलता और करुणा रखते हैं।
ग्रामीणों का यह कदम पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि इस घटना ने समाज को यह संदेश दिया है कि हर जीव-जंतु के प्रति दया और सम्मान दिखाना हमारी संस्कृति की गहरी जड़ है।


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