
दिल्ली/अनीशा चौहान/- राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस ने एक बार फिर से चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। सोमवार को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 47 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, इस महामारी से एक 22 वर्षीय युवती की मौत हो गई है। यह हाल के दिनों में दिल्ली में कोरोना से होने वाली दूसरी मौत है, जिससे न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि आम जनता के बीच भी डर का माहौल बन गया है।

22 वर्षीय युवती की मौत ने बढ़ाई चिंता
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मृतक युवती दिल्ली की निवासी थी और उसे पहले से ही कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां कोरोना संक्रमण के बाद उसकी स्थिति और बिगड़ गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला इस ओर इशारा करता है कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए कोरोना के नए सब-वेरिएंट्स अब भी गंभीर खतरा बन सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग हुआ सतर्क, तैयारियाँ तेज
बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। राजधानी के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए अलग वार्ड और बेड की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से परहेज़ करें। विशेषज्ञों ने भी दोहराया है कि वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज अब भी कोरोना से सुरक्षा का सबसे प्रभावी उपाय हैं।
देशभर में भी बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 3,961 हो गई है। बीते 24 घंटों में देश में कुल 203 नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं और चार लोगों की मौत हुई है। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
ICMR की चेतावनी: ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट बना वजह
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया है कि मौजूदा कोरोना मामलों की वृद्धि ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट्स के कारण हो रही है। ये वैरिएंट सामान्यतः हल्के लक्षण पैदा करते हैं, लेकिन बुज़ुर्गों, बीमार और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ये जानलेवा साबित हो सकते हैं।
सावधानी ही बचाव है
सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की यही सलाह है कि लोग पहले की तरह सतर्क रहें। मास्क, सैनिटाइज़र, सामाजिक दूरी और समय पर टीकाकरण जैसे उपायों को दोबारा अपनाने की ज़रूरत है। कोरोना की यह लहर भले ही उतनी तेज़ न हो, लेकिन लापरवाही किसी भी स्थिति को बिगाड़ सकती है।
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