नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिवाली पर पटाखों पर बैन के निर्णय को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं और कुछ लोग इसे हिंदू-विरोधी करार दे रहे हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आया है। केजरीवाल ने कहा कि यह प्रतिबंध किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है बल्कि जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऐसे ही सुझाव दे चुके हैं। केजरीवाल ने कहा, “दिवाली रोशनी का त्योहार है और हमें इसे हर्षोल्लास से मनाना चाहिए, लेकिन पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण से हमारे बच्चों और परिवारों की सेहत को खतरा होता है। यह किसी विशेष धर्म या समुदाय से जुड़ा मुद्दा नहीं, बल्कि सभी की सांसों की सुरक्षा का प्रश्न है।”
आयुष्मान योजना में घोटाले का आरोप
अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर केंद्र की आयुष्मान भारत योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि CAG की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना में अनियमितताएं हैं। केजरीवाल का कहना था कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हैं और यहां इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की अनिवार्यता भी नहीं है। दिल्ली सरकार द्वारा 5 रुपए की दवाई से लेकर करोड़ों रुपये तक के ऑपरेशन मुफ्त कराए जा रहे हैं, जबकि आयुष्मान योजना में इलाज के लिए मरीज को भर्ती होना आवश्यक होता है। केजरीवाल ने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली मॉडल को अपनाकर पूरे देश में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं लागू करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी का जवाब
इस बीच, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और पश्चिम बंगाल के बुजुर्गों को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मैं 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों से माफी मांगता हूं कि मैं उनकी मदद नहीं कर सकता क्योंकि कुछ राज्य सरकारों के फैसलों के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है।” केजरीवाल ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के मसले पर गलत बयानी करना और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना उचित नहीं है।
केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सुलभ और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, और यह किसी प्रकार की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बजाय सेवा का एक उदाहरण है।
दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध और स्वास्थ्य सेवाओं की बहस को लेकर नागरिकों के बीच भी व्यापक चर्चाएं हो रही हैं।
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